बिना टेंड के शीतलहत में भी दिव्यांगो ने अपनी समस्या को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया

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आज दिव्यांग जनो के द्वारा पांच सूत्रीय मांगों को लेकर उज्जवल दिव्यांग कल्याण संघ के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन गांधी मैदान गरियाबंद में दिव्यांग जनों ने मुख्यमंत्री के नाम से गरियाबंद जिले के एस डी एम को दिव्यांग जनों के द्वारा दिया गया है और दिव्यांग जनों ने अपने समस्याओं को शासन के योजना के अंतर्गत मिलने वाले योजना को एस डी एम से चर्चा करते अपने समस्याओं को बताएं सभी दिव्यांग जनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे जिला अध्यक्ष जागेश्वर साहू उपाध्यक्ष अमरसिंह हल्बा सचिव संतोष साहू सलाहकार दानसिंग निषाद ब्लॉग अध्यक्ष प्रहलाद साहू ब्लॉग अध्यक्ष रामसिंह नागेश नूतन मरकाम पुरण साहू देवकुमार डिगेश्वरी संतोष कुमार दिनेश कुमार सर्वजन दिव्यांग कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू संरक्षक डॉ डोमन बयां ठकेश्वर चक्रधारी मेघनाथ चतुर मानी कैलाश शेखर सुमन तिजू एवं अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता दिव्यांग बंधु उपस्थित में कार्यक्रम संपन्न हुआ


गरियाबंद जिले के विभिन्न विकासखंडों में सक्रियता के साथ कार्य कर रहा है और दिव्यांगों से संबंधित मुद्दों पर शासन प्रशासन तक आवाज उठाने और शासकिय योजनाओं तक दिव्यांगों का पहुँच हो सके हैं इसके लिए प्रयास करते आ रहे हैं । वर्तमान में शासन द्वारा संचालित योजनाओं , कार्यक्रमों और नीतियों का लाभ दिव्यांगों को नहीं मिल पा रही है । उन्हें योजनाओं के लिए भटकना पड़ रहा है और वह पूरी तरह से तमाम तरह के लाभकारी योजनाओं से वंचित है । दिव्यांगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए शासन स्तर पर कार्यवाही करने की आवश्यक्ता है इसलिए आज जिला मुख्यालय गरियाबंद में एक दिवसीय धरने के माध्यम से निम्नांकित बिन्दुओं की ओर आपका ध्यानाकर्षण कराते हुए त्वरित कार्यवाही की मांग करते
वर्ष 2002 के सर्वे सूची में नाम की अनिवार्यता के कारण से बहुत से दिव्यांग दिव्यांगता पेंशन से वंचित है । 2002 के बाद पैदा हुए दिव्यांगजन व दिव्यांगता ग्रस्त हुए लोगों को पेंशन का सहायता नहीं मिल पा रहा है । सुप्रिम कोर्ट का आदेश अनुसार 2 मई 2003 को लागू करते हुए समस्त दिव्यांग जिनों को गरीबी रेखा के नीचे माना जाना चाहिए 2002 के सर्वे की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए । छत्तीसगढ़ शासन दवारा किसानों , महिला सममूहों व अन्य लोगों का जिस प्रकार का ऋण माफ किये गये हैं उसी प्रकार निःशक्त जन वित्त एवं विकास निगम द्वारा निःशक्त व्यक्तियों को जो स्वरोजगार हेतु ऋण लिया गया था उस ऋण को सरकार द्वारा तत्काल माफ किया जाए अन्य दूसरे राज्यों की तुलना में हमारे छत्तीसगढ़ राज्य में दिव्यांगजनों सबसे कम राशि पेंशन के रूप में दिया जाता है जबकि हमारे राज्य से पिछडे राज्यों में यहां से अधिक दिया जाता है । हम लोगों को भी अन्य राज्यों के जैसा पेंशन राशि 2000 मासिक दिया जाना चाहिए । ग्राम पंचायत जनपद पंचायत जिला पंचायत में जल्द ही जल्द दिव्यांग प्रतिनिधि का चयन किया जाय और प्रत्येक दिव्यांग परिवारों को आवास योजना एवं शौचालय निर्माण में प्राथमिकता दिया जाए । दिव्यांगजन अधिकार कानून के तहत हर राज्य में निशक्तजनों के समस्याओं को सुनवाई करने के लिए स्वतंत्र आयुक्त की व्यवस्था हमारे भी राज्य में है परन्तु विगत 3 वर्ष से दिव्यांगजन आयुक्त का पद रिक्त पड़ा हुआ है इस पर तत्काल नियुक्ति किया जाना चाहिए साथ ही दिव्यांग आयुक्त का कार्यालय दुर्ग से नया रायपुर में किया जाना चाहिए ।