रायपुर। भाजपा शासनकाल में भ्रष्टाचार पर किस तरह से पर्दा डाला जाता रहा उसका एक मामला सामने आया है। यह मामला भाजपा नेता और दुर्ग जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन द्वारा किये गए करोड़ों की आर्थिक अनियमितता का है। उनके खिलाफ दुर्ग थाने में दर्ज शिकायत मामले में अब फिर से जांच शुरू हो गई है। आर्थिक अनियमितता के मामले में ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज कर स्थानीय पुलिस के साथ जांच शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव की ओर से ईओडब्ल्यू को पूर्व के जांच प्रतिवेदन को प्रेषित कर दिए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि भाजपा नेता होने के नाते शिकायत बाद भी प्रीतपाल बेलचंदन के खिलाफ तत्कालीन रमन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं थी। जबकि मामले की जांच रिपोर्ट उस दौरान सहकारिता विभाग की ओर से गृहमंत्रालय को भेजी गई थी। 19 जनवरी 2017 को तत्कालीन सहकारिता सचिव डीडी सिंह द्वारा तत्कालीन गृह सचिव को लिखे पत्र के मुताबिक बेमेतरा जिले के नवगाढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम कौराकांपा निवासी श्यामबिहारी वर्मा ने सहकारी समितियों के निर्वाचन में 1.18 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता मामले में दुर्ग पुलिस में शिकायत की थी। इस शिकायत में जांच में दोषी पाए गए पदाधिकारी, अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। दुर्ग पुलिस ने 4 दोषी अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध मामला दर्ज किया किन्तु तत्कालीन जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन और तत्कालीन उप पंजीयक जॉन खलको के नाम एफआईआर में सम्मलित नहीं किया गया। इसके बाद यह मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुँचा। हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा जांच कर यथोचित कार्यवाही के निर्देश दिए। अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रीतपाल बेलचंदन ने कहा कि हाईकोर्ट में उनका मामला खारिज हो चुका है। वे पूर्व में भी ईओडब्ल्यू में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। अगर फिर से उन्हें ईओडब्ल्यू से बयान देने के लिए बुलाया जाता है तो वे अपना बयान दर्ज कराएंगे।