नई दिल्ली। कई शहरी क्षेत्रों में छोटी-मोटी दूरी तय करने के लिए रिक्शा के महत्व को देखते हुए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को गति देने के लिए ई-रिक्शा सबसे कारगर साबित हो सकता है। डेलॉय की रिपोर्ट रिचार्जिग इंडियाज इलेक्ट्रिक वेहिकल एंबीशन बाई इलेक्टिफाइंग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कहा गया है कि देश में ईवी की सफलता में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता हैए लेकिन वह शुरू में हर प्रकार का जोखिम नहीं उठा सकती है।रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को सब्सिडी जैसी सहायता देकर और नीतियों का प्रारूप बनाकर सुविधा प्रदाता की भूमिका निभानी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय संदर्भ में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स या ई-रिक्शा का काफी महत्व है, क्योंकि शहरी परिवहन व्यवस्था में साधारणत: मुख्य मार्गो पर अच्छी परिवहन सुविधा उपलब्ध है, लेकिन मुख्य सड़कों से अलग कम महत्व के मार्गो या गली मोहल्ले के लिए परिवहन की बेहतर सेवा उपलब्ध नहीं है। इन शहरों और क्षेत्रों के लिए ई-रिक्शा के जरिये सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध कराकर बेहतर समाधान प्रस्तुत किया जा सकता है। ई-रिक्शा की लागत भी कम होती है। इसलिए देश में ई-वाहनों को गति देने में ई-रिक्शा सबसे कारगर विकल्प है।रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स या ई-रिक्शा शहर के अंदर एक से दूरी जगह पर आने-जाने वालों को फर्स्ट या लास्ट माइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराकर सार्वजनिक यातायात की कड़ी को पूर्ण बना सकता है। कई शहरों में फर्स्ट या लास्ट कनेक्टिविटी या सार्वजनिक यातायात सेवा प्रदान करने में ई-रिक्शा का कोई मुकाबला नहीं है। हालांकि ई-रिक्शा की सफलता के लिए सरकार, वाहन और बैटरी निर्माता और निजी आॅपरेटर्स जैसे सभी पक्षों को तालमेल के साथ काम करना होगा। देश में समग्र स्तर पर ईवी को गति देने में सरकार की भूमिका पर जोर देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमों का प्रारूप, बैटरी की लागत में कमी और चार्जिग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना देश में ईवी की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे।