नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बुधवार को पहली बैठक होगी। बैठक में राम मंदिर निर्माण के मुहूर्त की घोषणा की जा सकती है। संभव है कि यह तिथि रामनवमी (2 अप्रैल) की हो। इसके साथ ही मंदिर के नक्शे, धन की व्यवस्था और ट्रस्ट के सदस्यों की जिम्मेदारियों का बंटवारा भी किया जा सकता है। वहीं बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास को आमंत्रण मिलने से ऐसे संकेत मिले हैं कि उन्हें भी ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है। महंत नृत्यगोपाल दास मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में शामिल होने के दावेदार थे, पर 5 फरवरी को ट्रस्ट की पहली सूची में आश्चर्यजनक रूप से उनका नाम शामिल नहीं किया गया। इसे लेकर संतों में असंतोष भी उभरा था।
मंदिर निर्माण को राम भक्तों की आस्था से जोड़ेंगे
ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने की योजना पर विमर्श भी अहम होगा। प्रस्तावित मंदिर को लेकर जिस भव्यता-दिव्यता की कामना की जा रही है, उसे साकार करने में हजारों करोड़ रुपये का प्रबंध करना होगा। सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मंदिर निर्माण में शासकीय धन व्यय नहीं होगा।
जमा हो चुका है छह करोड़ का चंदा
हालांकि पहले से ही मंदिर के लिए छह करोड़ रुपये से अधिक की राशि चंदे के रूप में जुटाई जा चुकी है। मंदिर निर्माण के लिए प्रयोग में आने वाले 70 फीसद पत्थरों को तराशने का काम भी पूरा हो चुका है। फिर भी मंदिर निर्माण को राम भक्तों की आस्था से जोड़ने के उद्देश्य से आगे की धन संग्रहण की रणनीति को भी उसी के अनुरूप अंतिम रूप दिया जाना है।
केंद्र ने घोषित किए हैं नौ सदस्य
ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में ग्रेटर कैलाश-1 स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में होगी, जो रामजन्म भूमि मामले की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन का कार्यालय है। वह भी केंद्र द्वारा इसी माह गठित किए गए 15 सदस्यीय ट्रस्ट के अहम सदस्य हैं। सरकार ने परासरन समेत नौ सदस्यों के नाम घोषित किए हैं। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक-एक पदाधिकारी होंगे। अयोध्या के जिलाधिकारी भी इसके सदस्य हैं।
प्रशासनिक देखरेख करने वाली कमेटी के अध्यक्ष का भी हो सकता है चयन
बैठक में सदस्यों द्वारा ट्रस्ट के लिए दो अन्य सदस्यों व राम मंदिर कांप्लेक्स के विकास और प्रशासनिक देखरेख के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के अध्यक्ष का चयन भी किया जा सकता है। इसके साथ ही उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष समेत समिति के सदस्यों की जिम्मेदारियां भी तय की जानी हैं।
5 को हुआ था एलान
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने व मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का एलान किया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की सरकार ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन भी आवंटित कर दी थी। मंदिर निर्माण की राह से सारे गतिरोध हट जाने के बाद माना जा रहा है कि 2024-25 तक अयोध्या में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र भव्य राम मंदिर मूर्त रूप ले लेगा। वैसे, ट्रस्ट को यह आजादी है कि वह मंदिर निर्माण का नया नक्शा तैयार करा सकता है, लेकिन यह माना यह जा रहा है कि मंदिर आंदोलन की अगुआ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा चंद्रकांत सोमपुरा से तैयार कराए गए मॉडल को ही यथास्थिति में रखा जा सकता है। यह मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में होगा। नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे।