गरियाबंद ग्राम केशोडार मे राजस्व विभाग के होते हुए भी रसूखदार कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। जिसमें न तो कलेक्टर से अनुमति ली गई है और न हीं किसी नियमों का पालन किया गया है। इसके बावजूद राजस्व विभाग मौन है।

राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानून को धज्जिया उड़ाई जा रही है l सूत्रों के अनुसार दलाल मंत्री के परिवार का धैस दिखाते है l गरियाबंद ग्राम केशोडार आसपास के ग्राम पंचायतों में वर्षों से कृषि भूमि को अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री की जा रही हैं। अवैध काम में भूमाफियाओं को स्थानीय पटवारियों व राजस्व अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है l जिसके चलते अब तक इन भूमाफियाओं पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

अवैध मुरुम डाल कर कृषि भूमि को पाटा जा रहा है l रोड के नीचे से नाला गया हुआ है मुरुम पटाने से नाला बंद हो जायेगा l तेज रफ़्तार से पहाड़ी से आने वाली पानी रोड को उखाड़ कर क्षतिग्रस्त कर सकती हैl बारिश का मौसम आने वाला है इस पर तत्काल कार्रवाई की जाए एकमात्र साधन यही है आम जनता की आवागमन यही है रोड उखाड़ने से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
भूमाफियाओं से शासन को हो रही आर्थिक क्षति
बिना डायवर्सन के भूमि को कई टुकड़ो में काट कर करोडों की कमाई भूमाफिया कर रहे हैंl और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे अवैध प्लाटिंग वाले खसरों में खरीदी बिक्री की निष्पक्ष जांच किया जाए तो कई पटवारी व अधिकारियों पर गाज गिर सकती हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थित भूमि जो कि कृषि भूमि में दर्ज हैंl अवैध रूप में कई टुकडों में काट कर बेच दिया गया है।
अधिकारियों के सहयोग से की गई अवैध प्लाटिंग
इसके लिए न तो रेरा के नियमों का पालन नहीं किया गया है और न ही कलेक्टर की अनुमति ली गई है। क्षेत्र में ऐसे ही कई और भी मामले हैं जिनमें अवैध प्लाटिंग कर भूमि की बिक्री की गई है। इन मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद हैं। क्योंकि इनके सहयोग के बिना भूमि की खरीदी बिक्री करना संभव ही नहीं है। कई मामले ग्राम केशोडार मे कलेक्टर के नाक के निचे की जा रही है परन्तु कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है l वह दिन दूर नहीं गरीब आदिवासी क्षेत्र में किसानों के पास भूमि ही नहीं रहेगी l कई ऐसे मामले हैंl जहां आदिवासी जमीन को सामान्य बना दिया गया हैl प्रशासन की मिलीभगत के कारण आज दलाल फल फूल रहे हैं l एवं कई गरीब किसान अपनी भूमि को बेचकर गरीबों की जिंदगी जी रहे हैंl आदिवासियों की जमीन को सामान्य नहीं ले सकता है कानून बनाई गई है l परंतु कानून को तोड़ मरोड़ कर आदिवासीयो की जमीन को भी सामान्य व्यक्तियों नाम कर दिया गया है l केवल गरीबो के लिए क़ानून बनाई है l पैसे वाले के लिए कानून उनके जेब में है l दलाल द्वारा लालच देकर उनके भूमि को अपने कब्जे पर लेकर करोड़ों मे बेच रहे है l अवैध प्लाटिंग कर भूमि की खरीदी बिक्री की जा रही है। उसे रोकी नहीं गई तो वह दिन कृषि भूमि के नाम से केवल प्लाटिंग ही दिखाई पड़ेगी l ग्राम केशोडार मे रोड़ पर स्थित अवैध कारोबार पर रोक लगना चाहिए एवं मुरुम डाला गया है खनिज विभाग द्वारा घन मीटर के हिसाब से जुर्माना लगनी चाहिए l बिना पिटपास के परिवहन किया गया है l जिससे राजस्व की हो रही छती कुछ हद तक लगाम लगा सके l आज तक केवल दिखावा हुआ है पंचनामा के बाद भी काम चालू है l