पास्सो एक्ट में पीड़िता को शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा से जूझी न्यायलय द्वारा पीड़िता को चार लाख रूपये राशी दी

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गरियाबंद न्यायालय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद, पीठासीन न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा थाना छुरा के अपराध क्रमांक 135/2023 पाक्सो प्रकरण क्रमांक 38/2023 में बलात्कारी आरोपी महेश कुमार सोरी, पिता-मंगल सिंह सोरी, उम्र 19 वर्ष, निवासी ग्राम पंडरीपानी, थाना-छुरा, जिला-गरियाबंद (छ०ग०) को धारा 6 पाक्सो अधिनियम में दोषसिद्ध पाये जाने पर दिनांक 02.05.2024 को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।


अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू ने जानकारी देते हुए बताया है कि दिनांक 25.07.2023 को पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी। कि उनकी उम्र 16 वर्ष 7 माह है, को आरोपी महेश कुमार सोरी ने दिनांक 23.06.2023 के शाम करीबन 5 बजे पीडिता को मैं तुमसे प्यार करता हूँ और शादी करूंगा कहकर शादी का प्रलोभन देते हुये जबरन भगाकर रायपुर लेगया करीबन एक माह तक जबरदस्ती पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया। तथा दिनांक 16.07.2023 को आरोपी ने पीड़िता को महासमुन्द बस स्टैण्ड में छोड़ दिया पीड़िता की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना छुरा द्वारा अपराध क्रमांक 135/2023 अन्तर्गत धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) भा.दं. सहिता एवं धारा 4, 6 पाक्सो एक्ट अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाकर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश गरियाबंद यशवंत वासनीकर द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध धारा 363, 366, 376 (2) (ढ) भा०दं० संहिता एवं धारा 8 पाक्सो एक्ट तहत अपराध विरचित कर प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ हुई।
अभियोजन की ओर से अपने पक्ष समर्थन में कुल 6 साक्षियों का कथन कराया गया है। साक्षियों के न्यायालयीन कथन से आरोपी महेश कुमार सोरी के विरूद्ध पर्याप्त सबूत पाये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा 363, भा०दं० संहिता में 2 वर्ष का सश्रम कारावास 1,000 रु. अर्थदण्ड, धारा 366 भा०दं० संहिता में 5 वर्ष का सश्रम कारावास 2,000 रु. अर्थदण्ड, एवं धारा 6 पाक्सो अधिनियम में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000 रु. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। न्यायालय द्वारा पीड़िता की शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा उनके जीवन एवं मनोदशा पर पड़ने मनोवैज्ञानिक प्रभाव एवं समाज में हुई प्रतिष्ठा भंग को दृष्टिगत रखते हुए पीड़िता को प्रतिकर स्वरूप 4,00,000/रु (चार लाख रूपये मात्र) दिये जाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है।
उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से जनक राम साहू, अतिरिक्त लोक अभियोजक, जिला-गरियाबंद द्वारा पैरवी की गई है।