छत्तीसगढ़ राज्य में शराब बंदी को लेकर भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक आशीष शर्मा किया विरोध

0
350

गरियाबंद। देश-दुनिया जहां एक ओर कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है। ऐसे विषम परिस्थितियों के दौर से हर कोई गुजर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण काल में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार शराब दुकानें खोल दी है।
प्रदेश में शराब दुकान खोलने का विरोध करते हुए कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक आशीष शर्मा ने कहा है कि प्रदेश की जनता ने साबित कर दिया 45 दिन बिना शराब के रह सकते हैं। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने यह बता दिया कि शराब के बिना सरकार नहीं रह सकती। शर्मा ने कहा कि वर्तमान दौर में जिस तरह से देश की जनता संयम एवं धैर्य का परिचय देते हुए कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ रहे हैं, उसी तरह से ही इस शराब की गंदगी से भी लड़ें। कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब की दुकानें खोलकर आमजनता के इन प्रयासों को असफल बनाने का कृत किया है, जो कि घोर निंदा के काबिल हैं। छत्तीसगढ़ धार्मिक और अनुशासित प्रदेश है। यहां प्रदेश सरकार शराब बिक्री कर अनुशासन को भंग करना चाहती है।
शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेता चुनाव के समय शराबबंदी को लेकर हांथों में गंगाजल लेकर कसम खाए थे, आज सरकार में बैठे कहां गए वो लोग। , क् आज पूरा देश छत्तीसगढ़ को शराबी प्रदेश के रुप में देख रहे हैं। कहा कि छत्तीसगढ़िया लोगों के 45 दिनों तक किए गए तपस्या को राज्य सरकार द्वारा भंग कर दिया गया है। वर्तमान समय मे राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के अवधि में भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है। कहा कि घर-घर हो रहे कलह का जिम्मेदार हैं। शर्मा ने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील करते हुए शराब बेचे जाने का विरोध करने की बात कही है और साथ ही प्रदेश सरकार से कहा है कि शराब की दुकानें बंद कर आमजनता एवं बेरोजगारों के लिए रोजगार सृजन पर ध्यान देने की बात कही है।