जाने डायनासोर के जीवन जीने की अनोखी कला के बारे में

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साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कैल्शियम कार्बोनेट के यौगिक में रासायनिक बांड का विश्लेषण किया गया। यह यौगिक डायनासोर के अंडे के छिलके में मौजूद था। शोधकर्ताओं ने गणना की किस तापमान पर इस यौगिक का निर्माण हुआ था और अंडे देने वाली डायनासोर के शरीर का तापमान क्या था।साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कैल्शियम कार्बोनेट के यौगिक में रासायनिक बांड का विश्लेषण किया गया। यह यौगिक डायनासोर के अंडे के छिलके में मौजूद था। शोधकर्ताओं ने गणना की किस तापमान पर इस यौगिक का निर्माण हुआ था और अंडे देने वाली डायनासोर के शरीर का तापमान क्या था।

डायनासोर युग में वैश्विक जलवायु आज की तुलना में काफी गर्म थी

शोधकर्ताओं ने जीवाश्मों का अध्ययन करने के बाद पाया कि डायनासोरों के शरीर का तापमान 35-40 डिग्री सेल्सियस तक रहा होगा, लेकिन डायनासोर युग में वैश्विक जलवायु आज की तुलना में काफी गर्म थी। इसके बावजूद डायनासोर अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखते थे।

डायनासोर के शरीर का तापमान उसके मेटाबॉलिज्म से नियंत्रित होता था

शोधकर्ताओं के मुताबिक डायनासोर के शरीर का तापमान उसके मेटाबॉलिज्म से नियंत्रित होता था। इसी वजह से शरीर के तापमान से उनके आस-पास के वातावरण के तापमान के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है।

डायनासोर अपना तापमान खुद ही नियंत्रित रखने की पुष्टि

इजरायल के यरूशलम में हिब्रू यूनिवर्सिटी के हैगिट अफेक ने बताया कि इस अध्ययन की पुष्टि के लिए उन्होंने कनाडा के अल्बार्टा जैसे उच्च अक्षांशों में रहने वाले डायनासोरों का अध्ययन किया। इसके साथ ही उन्होंने डायनासोर के साथ रहने वाले घोंघो के खोल का भी विश्लेषण किया। इस दौरान पाया गया कि घोघों के आवरण का निर्माण 26 डिग्री सेल्सियस में हुआ और डॉयनासोर के अंडे की परत का 35 डिग्री सेल्सियस में। इससे पता चलता है कि डायनासोर अपना तापमान खुद ही नियंत्रित रखते थे।