रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग विषय पर आयोजित कार्यशाला में बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने नगरीय निकाय अध्यक्षों की लंबे समय से चली आ रही मांग को मानते हुए उन्हें फिर से वित्तीय अधिकार दे दिए। अब तक नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों की जगह सीईओ के हस्ताक्षर से राशि स्वीकृत होती थी। वहीं मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों हेतु बड़ी घोषणा करते हुए प्रत्येक नगर निगम को आबादी एवं आवश्यकता के अनुसार 5 से दस करोड़ रुपए, 44 नगर पालिकाओं हेतु एक-एक करोड़ एवं 111 नगर पंचायतों हेतु 50-50 लाख रुपए प्रदान किए जाने की घोषणा की। प्रदेश के 166 नगरीय निकायों में काम करने वाली 10 हजार स्वच्छता दीदियों के लिए भी मुख्यमंत्री बघेल ने बड़ी घोषणा की। सीएम ने उनके मानदेय में वृद्धि की घोषणा करते कहा कि अब उन्हें छह हजार रूपए प्रति माह की बढ़ी हुई दर से मानदेय प्रदान किया जाएगा। अब तक स्वच्छता दीदियों को कुल पांच हजार रूपए प्रति माह की मानदेय राशि प्राप्त होती थी। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हमारे लिए नई चीज नहीं है, हमारे पुरखे भी गुजरात और राजस्थान में पानी का संरक्षण करते थे। मुख्यमंत्री ने अपने घर का उदारहण देते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 2001 में ही अपने घर में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग करवाई थी। इस गर्मियों में मोहल्ले के बोर में पानी सूख गया लेकिन मेरे घर में पानी था। मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य के भाग लेने आए सभी नगर निगम के महापौरों, सभापतियों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्षों से आग्रह किया कि वे अपने शासकीय आवास के साथ-साथ अपने निजी घरों में सबसे पहले वाटर हार्वेस्टिंग लगाएं।