मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक पद की शपथ ले ली है। मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने सीएम कमलनाथ को विधानसभा की सदस्यता ग्रहण कराई। बता दें कि 17 दिसम्बर को कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुखमंत्री पद की शपथ ली थी। उस वक्त कमलनाथ विधानसभा के सदस्य नहीं थे। भारती संविधान के नियमों के अनुसार अगर कोई ऐसा व्यक्ति जो विधानसभा का सदस्य नहीं है और मुख्यमंत्री या मंत्री पद की शपथ लेता है, उसे शपथ लेने की तारीख से 6 महीने के भीतर ही विधानसभा की सदस्यता लेनी होती है। ऐसा नहीं कर पाने पर उसे अपने पद से इस्तीफा देना होता है। गौरतलब है कि कमलनाथ ने 17 दिसम्बर को प्रदेश के मुखमंत्री पद की शपथ ली थी। विधानसभा की सदस्यता लेने के लिए उनके पास कुल 6 महीने का समय था। इस तरह 17 जून को 6 महीने की समय सीमा खत्म हो रही थी। इसके पहले उन्हे विधानसभा की सदस्यता लेनी थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था। लोकसभा चुनाव के साथ ही मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा विधानसभा के लिए भी चुनाव कराए गए थे। परिणाम आने पर कमलनाथ ने भारी अंतर से जीत दर्ज किया। वहीं, उनके बेटे नकुलनाथ ने भी छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की। नकुलनाथ प्रदेश से कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं। कमलनाथ ने स्कूली शिक्षा देहरादून स्कूल से की। इसके बाद सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। वह 1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए। इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।