जाने क्यों जरूरी है मासिक धर्म में स्वच्छता का ख्याल

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मासिक धर्म (पीरियड्स) को लेकर लोगों में तमाम तरह की भ्रांतियां हैं, जबकि यह बीमारी नहीं। एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जरूरत हैं इसमें स्वच्छता की। क्योकि स्वच्छता न अपनाने से महिलाएं सवाईकल कैंसर, प्रजनन रोग व अन्य इन्फेक्शन से गंभीर बीमार हो सकती हैं। विश्व मासिक धर्म दिवस पर शहरभर में सामाजिक व स्वास्थ्य संस्थाओं ने लोगों को जागरूक किया। सिकंदरा स्थित रेनबो हॉस्पिटल और एमजी रोड स्थित मल्होत्रा हॉस्पिटल में मासिक धर्म जागरुकता दिवस मनाया। इस दौरान डॉ. निहारिका ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि देश में 12 फीसदी महिलाएं ही सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल कर पाती हैं। 82 प्रतिशत महिलाएं आज भी पुराना कपड़ा अपना रहीं हैं। जो उनके लिए बेहद घातक है। 71 प्रतिशत युवतियों को अपने पहले मासिक धर्म के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के तौर-तरीके न अपनाने 23 प्रतिशत महिलाएं सर्वाइकल कैंसर व अन्य रोगों की शिकार हो रहीं हैं। ग्रामीण इलाकों में 48 प्रतिशत महिलाएं ही सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह तथ्य डराने और चैंकाने वाले हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, आगरा हार्ट सेंटर और जीवन रेखा संस्था ने मिलकर चर्च रोड पर मासिक धर्म जागरुकता गोष्ठी की। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुश्री रावत ने कहा कि मासिक धर्म को लेकर लोगों में गलतफहमियां हैं। ये कोई बीमारी नहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य लड़की है, स्वस्थ्य परिवार की नींव रखती है। इस दौरान डॉ. सीआर रावत ने महिलाओं के बदलती दिनचर्या पर प्रकाश डाला। आईएमए अध्यक्ष डॉ. अशोक शिरोमणी, डॉ. अलका रावत आदि मौजूद रहीं। आगरा विकास मंच की ओर से नवदीप हॉस्पिटल साकेत कालोनी में मासिक धर्म पर जागरूकता गोष्ठी आयोजित की गई। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुपमा शर्मा ने बताया कि मासिक धर्म में महिलाओं व युवतियों को घबराने, छुपाने या शमार्ने की जरूरत नहीं है। यह स्वभाविक प्रक्रिया है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंदा कपड़ा इस्तेमाल न करें। बाजार में सस्ते सेनेटरी पैड्स भी उपलब्ध हैं। उनका इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, रूढ़िवादी सोच से हटकर जागरूक होने की जरूरत है। महिलाएं स्वयं भी जागरूक हों और अपनी बच्चियों को भी जागरूक बनाएं। इस दौरान हेल्पिंग हैंड फाउडेंशन की सुमन सुराना, डॉ. सुनील शर्मा, आगरा विकास मंच अध्यक्ष अशोक जैन सीए, संदेश जैन, डॉ. स्मृति टंडन, रवि नारंग आदि मौजूद रहे।