गरियाबंद -कन्हैय्या मुरली की तान तो सुना दे…. तोला गाड़ा गाड़ा जोहार के धुन पर पर न केवल माताओ ने बल्कि पुरुष भी झूमकर नाच उठे, मौका था गरियाबंद के गाँधी मैदान में श्री हरि सत्संग मण्डल द्वारा 21 से मार्च से आयोजित श्री मद भागवत कथा का था
, दोपहर 3 बजे कथा की शुरुवात कर देर शाम 7 बजे तक चले इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथाकार सु श्री वर्षा नागर जी ने अपने भजनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया , आज चौथे दिन श्री कृष्ण जन्म की कथा का सचित्र झाँकी के साथ बसदेव और श्री कृष्ण का साकार रूप दर्शन कराते हुए कथा का रसपान कराते हुए बताया कि भगवान कृष्ण अपने सच्चे भक्तों से कितना प्यार करते हैं चाहे उनका धर्म और जाति कुछ भी हो , भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रमास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रोहणी नक्षत्र के रात्रि के 12 बजे मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था , अपने पिता वासुदेव और माता देवकी की आठवां संतान थे श्री कृष्ण , जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तब कारागृह के द्वार स्वतः खुल गए और सभी सिपाही निद्रा में चले गए , वासुदेव के हाथों में लगी बेड़ियां अपने आप खुल गई और वो कारागृह से निकल गोकुल के निवासी नन्द की पत्नी यशोदा के पास अपने लल्ला को रख कर उनके संतान को लेकर मथुरा चले आये , बचपन की सरलता से लेकर किशोर काल की सजगता तक ऐश्वर्या रहे उसे
श्री कृष्ण कहते है , आई बहार हँसते हँसते आया …अवध में छाई खुशी की बेला , लगा है अवध पूरी में मेला …. ‘‘ जब खिड़की खोलूँ तो तेरा दर्शन हो जाये ,जब होगी आरती तेरी घण्टी सुनाई देगी ’’ ने जहां श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया वहीं, ‘‘ और श्रोताओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया , श्रोताओं के लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुऐ आज पण्डाल को बढ़ाया गया , नगर के गाँधी मैदान में श्री हरि सत्संग मण्डल द्वारा आयोजित श्री मद भागवत कथा का समापन 27 मार्च रविवार को विशाल भण्डारे के साथ होगा । आयोजक मण्डल द्वारा अधिक से अधिक संख्या में आकर कथा श्रवण का लाभ लेने की अपील किया गया है….