रायपुर। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा है कि दिव्यांगजनों में प्रकृति प्रदत्त कुछ न कुछ विशेष गुण अवश्य होते है। इन विशेष गुणों को पहचान कर उनकी रूचि के अनुरूप उभारना होगा। संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए आंतरिक गुणों को सामने आना आवश्यक है। शारीरिक एवं बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों को सबल बनाने के लिए सभी को प्रयास मिलकर करना होगा। श्रीमती भेंड़िया शुक्रवार को माना कैम्प स्थित राज्य संसाधन एवं पुर्नवास केंद्र में राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्था और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित एवं उनके गुणों के निखारने के लिए किए जा रहा यह प्रयास सराहनीय है। विभिन्न स्तरों के टीएलएम किट के वितरण से मानसिक रूप से अविकसित बच्चों के मानसिक दशा में धीरे-धीरे विकास होगा। मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने इस मौके पर दिव्यांगजनों को विवाह प्रोत्साहन राशि, व्हील चेयर और मानसिक रूप से अविकसित बच्चों को टीएलएम किट प्रदान किए। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के संचालक रजत कुमार, आर.एन.डी. समन्वयक डॉ. शिल्पा मनोगना सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। जिन दिव्यांगजनों को विवाह प्रोत्साहन राशि दी गई उनमें कृष्ण कुमार-श्रीमती मालती, नवीन कुमार-श्रीमती कांति, गणेशुराम-श्रीमती टोमेश्वरी, प्रेमलाल-श्रीमती पुष्पा और अनिल कुमार-श्रीमती लक्ष्मी शामिल है। इसी तरह जिन दिव्यांगजनों को व्हील चेयर प्रदान किया गया उनमें फगनी धीवर, कलिन्द्री चैबे, पुरा बाई, सुमित्रा बाई और जानकी बाई शामिल है। व्हील चेयर और विवाह प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त 210 मानसिक रूप अविकसित बच्चों को टीचिंग लर्निंग मटेरियल वितरण किया गया।