रायपुर। कोण्डागांव जिले के ग्राम कोकोड़ी में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से जिले के लगभग 65 हजार से अधिक मक्का उत्पादक किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। जिले में प्रतिवर्ष मक्का का उत्पादन (65 हजार कृषकों के द्वारा) किया जाता है। कोण्डागांव जिले में भूमि और वातावरण मक्का के उत्पादक एवं अच्छी उत्पादकता के अनुकूल है। कोण्डागांव जिले में खरीफ मौसम के दौरान धान के बाद सबसे अधिक रकबे में बोई जाने वाली फसल मक्का है। किसानों की मक्का फसल को वाजिब दाम मिल सके इसलिए छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से सहकारी समिति बनाकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जा रहा है। प्रोसेसिंग यूनिट बनने से अब कोण्डागांव जिले में ही मक्का से विविध उत्पाद बनाये जाएंगे। मक्का का उपयोग पापकार्न बनाने, मक्का की आटे से बिस्किट, मछली आहार, कुरकुरे व आईसक्रीम बनाने में किया जाता है। इसमें मक्के की वैल्यू एडीशन बढ़ायी जाएगी। इससे मक्का उत्पादक किसानों को उनके मेहनत का भरपूर लाभ मिलेगा और उनके आर्थिक आय में वृद्धि होने से जीवन स्तर में भी सुधार होगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध होगी। छत्तीसगढ़ राज्य में धान के अलावा मक्का प्रमुख फसल है। राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 30 कोण्डागांव के समीप ग्राम कोकोड़ी में 20 एकड़ भूमि में फूड प्रोसेसिंग ईकाई स्थापित किया जा रहा है। सात लाख 66 हजार 890 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कोण्डागांव जिले में 88 हजार पांच सौ 58 किसानों की दो लाख 35 हजार 334 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। 65 हजार किसान मक्का उत्पादन का कार्य करते हैं। किसानों ने वर्ष 2018-19 में 65 हजार 600 एकड़ क्षेत्रफल में खरीफ मौसम में 73 हजार 118 मेट्रिक टन और रबी मौसम में 1 लाख 14 हजार 060 मीटिरिक टन मक्का फसल का उत्पादन किया है। मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से जिले के 800 से 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होगा।