गरियाबंद जिला के कई गांव आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित जिला में बैठे अधिकारी सुस्त

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गरियाबंद जिला 2012 में बनने के बाद भी आज तक कोई शुध नही ले रहे लोग परेशान होकर के बाद भी जिला में बैठे अधिकारी केवल फाइल में सब ठीक है जमीनी हकीकत कुछ ही और बेयन करती है। यह देखने को मिल रहा आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र होने के बावजूद लोगो को सुविधा नही मिलती । आम जनता सुविधाओं से वंचित उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद में जिला में बैठे अधिकारी अपनी काम को ईमानदारी से नही कर रही है । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद उनकी सीमा मैनपुर से शुरू होता है। मगर जिला अधिकारी उप निरीक्षक गरियाबंद में बैठने के कारण गांव की दौरा तक केवल फाइलो में होता है । जिससे लोगो समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता।


मैनपुर ब्लॉक में कई गांव जिसमे से ग्राम पंचायत छोटेगोबरा , ग्राम पंचायत ठेनही से पंडरीपानी. दौड़ नाला में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के अंतर्गत 3 रपटा निर्माण का स्वीकृत हुआ है । जिसका कार्य एजेंसी उदन्ती सीता नदी टाइगर रिजर्व वन विभाग में आता है जो कि 2020 से कार्य का स्वीकृत हो गया है मगर निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है खामयाजा आम जनता भोगत रही है यह पुल रपटा 6 गांव को जोड़ती है जिसकी जनसंख्या लगभग तीन हजार है। पुल या रपटा का निर्माण नहीं होने से बरसात के दिनों में 5 से 6 महीने तक लोगों का आना जाना बंद हो जाता है जिससे कई गांव का संपर्क टूट जाता है । गांव के छात्रों को स्कुल जाने में समस्या लोगो को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल जाने में राशन लाने में इन सभी समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है। इतनी बड़ी समस्या होने के बाद भी ग्रामीणों का समस्या पर आज तक कोई निराकरण नहीं हो पाया। आये दिन जनप्रतिनिधि अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं मगर परिस्थितियां वैसी ही बनी है वन विभाग के अधिकारी से मुलाकात कर इन समस्याओं से अवगत कराया गया है जिस पर अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य को 10 दिन के अंतर्गत शुरू करने का आश्वासन जनप्रतिनिधियों को दिया गया है जनप्रतिनिधि का कहना है कि अगर 10 दिन के अंतर्गत निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया तो 6 गांव के लोगों द जिसकी जनसंख्या लगभग 3000 है इन सभी के साथ सड़क पर चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन करने की बात कहीं गयी हैं।