गरियाबंद/ जिले मे छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेल्फेयर यूनियन के पत्रकारों हड़ताल में बैठे अवैध रेत उतखनन पर कार्यवाही की जायज मांग को लेकर धरने पर बैठे पत्रकारो के खिलाफ कुछ समाचार पत्रों ने खूब भड़ास निकाली । 24 घंटे नही हो पाया है। पोड़ में रैंम बनाकर कर मशीन को उतार दिया गया है । अवैध काम करने वाले ही दूसरे को अपने जैसे समझेते है । जो जिस तरह से रहता है वह व्यक्ति दूसरे को उसी दृष्टि से देखते हैं । उसे सब अपने जैसे दिखाते हैं दिखाई देता है ???? भरी बारिश में रेत खदान चला कर अवैध उगाही की मंशा पर पानी फिर गया हो तो उनकी इतनी बौखलाहट तो जायज है । ज्ञात हो कि मजरकट्टा खदान की लाटरी जिस व्यक्ति के नाम से निकली है इन दोनों समाचार पत्रों के पत्रकार इनके साथी है और सूत्रों की माने तो रेत घाट में इनकी साझेदारी भी है । सौदा तय नही होने की बात लिखने वाले यही लोग सौदेबाजी कर खदान चालू करने के लिये मशीन तक लेकर आ चुके थे । मगर नियम विरूद्ध रेत खनन को बंद कराने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेल्फेयर यूनियन के पत्रकार ने धरने पर बैठे जिसके चलते इनकी इच्छा पर पानी फिर गया अनुरूप अवैध उगाही नही हो पाई । और घाट बंद करना पड़ा । अमन पत्र में प्रकाशित समाचार पत्र के संवाददाता के बारे में रेत घाट से निकलते हुए ट्रैक्टर चालक ने दिनांक 26 जून को 200 रुपये देने की बात कही उसी दिन नायब तहसीलदार जब कार्यवाही के करने के लिए खदान पर गए थे तब भी उक्त व्यक्ति रेत घाट पर मौजूद था वसूली नहीं होने से बौखलाए यही पत्रकार समाचार पत्रों में धरने को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं । और जी भर भर के खनिज विभाग की प्रशंसा का बखान कर है । कि उक्त मांगों से संबंधित गरियाबंद जिले भर में कोई अवैध रेत खनन नही किया जा रहा है । इतना ही नहीं खनिज विभाग के प्रशंसा में यह तक लिखने में पीछे नहीं रहे कि राजस्व को सात करोड़ का मुनाफा तक को दर्शाते हुए विभाग के अधिकारियों के रात दिन कार्यवाही की प्रशंसा लिखने में भी कोई कमी नहीं गया है । ये बात आज विश्व परिवार समाचार पत्र में प्रकाशित किए समाचार दावों के महज 24 घंटों में सामने आ गया कि आज दिनांक 8/7/21 को मोहेरा रेत घाट में अवैध तरीके से चैन माउंटेन मशीन नदी में उतारकर खुलेआम रेम्प बनाया जा रहा है।
महज मालगाँव रेत खदान से दो किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही इस कारनामे को अंजाम दिया जा रहा है । धरने पर बैठे पत्रकारों द्वारा मौके पर जाकर लाइव कवरेज करते हुए इस बात की जानकारी एसडीएम गरियाबंद को दी गयी साथ ही खनिज विभाग के अधिकारी फगुलाल नागेश को जानकारी देने हेतु संपर्क किया गया किंतु उनके द्वारा लगातार फोन काटा जा रहा था जिसके बाद माइनिंग निरीक्षक मृदुल गुहा को इसकी जानकारी देते हुए सारे वीडियो व फोटोज भेजे गए । इसके बावजूद सभी जगह से केवल आश्वासन ही मिला । कुछ प्रशासनिक अमले और विभागीय चाटुकारिता करने वाले चंद लोग इस सच पर केवल पर्दा डालने का काम करते हुए पत्रकारों के द्वारा किये जा रहे जायज मांगों को गलत ठहराने का काम किया जा रहा है । लेकिन छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट वेल्फेयर यूनियन के पत्रकार अपनी जायज मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे ।