वैसे तो आज का पूरा बजट ही अद्भुत था , किंतु जो मेरे दिल को सबसे ज़्यादा छू गया वो था वो लमहा जब यह किसानों को 2500₹ प्रति कुइंटल धान का समर्थन मूल्य देने के अपने वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ को प्रस्तुत किया। यह सब किसी फ़िल्म से कम नहीं था आप सोचिए एक किसान राजनीति में आता है, सालों संघर्ष करता है, फ़िर एक दिन प्रदेश का मुखिया , मुख्यमंत्री बनता है। वह अपने किसान भाइयों को चुनाव के पहले वादा करता है कि मैं जानता हूँ किसान को कितनी तकलीफ़ों का सामना करना पडता है और धान का जब समर्थन मूल्य ही सही नहीं मिले तो कैसे दूसरों के पेट भरने वाले अन्नदाताओं को स्वयं भूखे भी सोना पड़ता है। बस फिर क्या था वो किसानों को कहता है कि मैं 2500₹ प्रति कुइंटल धान का समर्थन मूल्य दूँगा जो कि पूरे देश में सबसे ज़्यादा है। लेकिन फिर पिक्चर में आती है केंद्र सरकार , वो कहती है यदि आपने किसानों को 1815₹ से एक रुपया ज़्यादा धान का दाम दिया तो छत्तीसगढ़ से धान का एक दाना भी केंद्र नहीं ख़रीदेगा। ( केंद्र 24 लाख मेट्रिक टन धान लेता है हर साल,बस इसी साल इतिहास में पहली बार मना किया गया)अब प्रदेश का मुखिया केंद्र से कई बार आग्रह करता है कि ऐसा मत करिये, किंतु केंद्र नहीं मानता , फ़िर वह हज़ारों गड़ियों में हज़ारों किसानों के साथ सीधा दिल्ली मार्च करने निकल पड़ने कि तारीख़ ही घोषित कर देता है , किंतु तभी सूप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर फ़ैसला आ जाता है और महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश जो कि रास्ते में पड़ते सभी को हाई अलर्ट पर कर दिया जाता है , और अब स्वयं अमित शाह इस किसान मुख्यमंत्री से फ़ोन पर बात कर अपना यह मार्च रद्द करने आग्रह करते हैं , लौ आर्डर कि गंभीर स्तिथि को देखते हुए यह मुखिया दुःखी मन से अपना मार्च रद्द करता है। लेकिन संघर्ष तो जारी ही था, क़सम तो 2500₹ देने कि खा कर ही रखी थी , लेकिन जब हर मुमकिन कोशिश करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो किसानों से केंद्र सरकार कि शर्त के अनुसार 1815₹ में ही धान लिया गया किंतु तब सभी किसानों को वादा किया कि आपकी जेब में 2500₹ के अनुसार ही पैसे पहुँचेंगे , और वो वक़्त आज आ ही गया जब किसानों के लिए इस किसान मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गंधी किसान न्याय योजना’ लेकर आइ बजट में और बताया कि 2500₹ में बची हुई शेष राशी 685₹ इस योजना के तहत किसानों के खाते में जाएगी आज छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज़्यादा धान का समर्थन मूल्य देने वाला राज्य बन गया है , जहां पिछले सवा साल में एक भी किसान ने आत्म हत्या नहीं की व साथ ही 3 लाख़ के लगभग लोग वापस किसानी में लौट आए हैं जिन्होंने इसे छोड़ दिया था। इसी का असर है की जब पूरे देश में मंदी आइ तब छत्तीसगढ़ उससे अछूता रहा ,हमें ग़र्व है अपने मुखिया पर जो अपने किए वादों को किसी भी हद तक जा कर पूरा करता है व जो कहता है उसे कर के दिखाता है। मुख्यमंत्री जी को इस ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए बहुत बहुत बधाई व धन्यवाद