सफल होना हैं, जाने कुछ महत्वपूर्ण बातें

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जीवन में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब कोई व्यक्ति आगे बढ़ने के लिए, उन्नति के लिए नए प्रयास करने का विचार बनाता है। अपने मन को पक्का कर लेने के बाद वह अपने परिचितों, ईष्ट मित्रों या रिश्तेदारों से सलाह मशविरा करता है कि उसका विचार या योजना कितनी सटीक है या उसकी राह में कौन सी बाधाएं आ सकती हैं? यहां तक तो सब ठीक चलता है, लेकिन इस बिंदु पर आकर अक्सर ऐसा हो जाता है कि कोई परिचित टोक देता है कि यह योजना सफल नहीं होने वाली। कोई रिश्तेदार बोल देता है कि यह काम तुम्हारे बस का नहीं। कोई दोस्त बोल देता है कि कहां के फंदों में पड़ रहे हो, कुछ नहीं होने वाला। बस, यहीं से उस व्यक्ति के हतोत्साहित होने का सिलसिला चालू हो जाता है। अब वह लाख कोशिश करे, पर उसमें काम करने का उत्साह बचता ही नहीं। सबके कहने सुनने में आकर वह हथियार डाल देता है और वहीं का वहीं रह जाता है। इसके बाद वह जीवन में कभी संतुष्ट नहीं हो पाता। उसके मन में हमेशा यह बात अटकी रहती है कि मैं ऐसा या वैसा कर सकता था, पर कर ना सका, अब जरा ये सोचिए कि क्या होता, अगर उस व्यक्ति ने दूसरों की सलाह सुनी ही नहीं होती। यदि उसने अपनी क्षमता पर विश्वास करके अपने मन का कार्य शुरू किया होता तो हो सकता है कि वह सफल हो जाता। ऐसा भी हो सकता है कि वह असफल हो जाता, पर मन में कुछ ना करने का अफसोस तो ना रह जाता।