रायपुर। छत्तीसगढ़ में जब से कांगे्रस की सरकार बनी है, तभी है किसानों के लिए विभिन्न् योजनाएं चलाकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सत्ता में आते ही सरकार ने पहले किसानों की कर्ज माफी की। इसके बाद अतिरिक्त बोनस के साथ धान खरीदी की गई। इसका असर इस बार की बैंकिंग रिपोर्ट में नजर आ रहा है। किसानों ने इस बार अपनी फसल उपजाने के लिए आर्थिक सहायता स्वरूप बैंकों से पिछले साल के मुकाबले करीब 315 करोड़ स्र्पये का कम कर्ज लिया है।स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी ने हाल ही किसानों के कर्ज से जुड़ी ताजा रिपोर्ट जारी की है।
इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 में जहां राज्य में किसानों ने कुल 16893 करोड़ रुपये का ऋण लिया कृषि कार्यों के लिए लिया था। वहीं साल 2019 की स्थिति में यह कम होकर 16578 करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब इस साल खेती के काम के लिए राज्य में किसानों ने लगभग 315 करोड़ रुपये बैंकों से कम कर्ज लिए। वहीं अगर कुल ऋण की अगर बात करें तो 2018 में 91915 करोड़ रुपये लोन लिया गया था, 2019 में यह बढ़कर 104633 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें 12718 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई हैबता दें कि साल 2018 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने किसानों का लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। इसके साथ ही 2500 रुपये में धान खरीदी के साथ कुल 20 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए गए हैं। इसके अलावा कई अन्य योजनाओं के जरिए किसानों को खेती से जुड़ी सहायताएं भी मुहैया कराई जा रही हैं। जिसका सीधा असर कृषि ऋण पर पड़ा है।