वादा खिलाफी से आक्रोशित अनियमित कर्मचारी 6 अगस्त को

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छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा ने बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउट सोर्सिंग बंद करने तथा छटनी किये गए कर्मचारियों को रोजगार देने मे टाल-मटोल कर रही है| प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों [संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय,

अशंकालिक, जाबदर, ठेका, सेवा प्रदाता ] अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन” तथा नगर निगम अनियमित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में 6 अगस्त 23 को धरना-प्रदर्शन एवं जेल भरो आन्दोलन करेंगे| उक्ताशय का निर्णय 23 जुलाई को आयोजित बैठक में लिया गया|
राजेश गुप्ता प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन ने बताया कि कांग्रेस ने अपने “जन-घोषणा-पत्र” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है| अनियमित मंच से 14.02.2019 को माननीय मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए कि इस वर्ष किसानों लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा| अनियमित संघो के आवेदनों का परिक्षण करने कमेटी बनाई गई जो आज पर्यंत रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है|

अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट(आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही है|
प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने कहा कि सरकार ने केवल संविदा वेतन में 27 प्रतिशत एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 4 हजार सम्मान निधि देने की घोषणा की है परन्तु इस घोषणा अनियमित कर्मचारी संतुष्ट नहीं | सचिन शर्मा ने बताया कि सरकार गैर वित्तीय वाले मांग को भी पूरा नहीं कर पा रही है इससे सरकार के मंशा का पता चलता है की वह अनियमित कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नहीं है|


उक्त कारणों से प्रदेश के अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित है|4 सूत्रीय मांग:
1.समस्त अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा कर्मचारी/अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण से वंचित को स्थायीकर्मी बनाकर स्थायीकरण किया जावे|2.विगत वर्षों से निकाले गए/छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे 3.अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे|
4.शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे तथा नियत अवधि में नियमित किया जावे|
बैठक में श्रीमती नीलू ओगरे, हेमंत वर्मा, लोकनाथ चंद्द्राकर, नवीन चंद्राकर सहित मोर्चा एवं फेडरेशन के अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे|