रायपुर। छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण विभाग में एनजीओ के नाम पर एक हजार करोड़ रूपए के घोटाले के मामले में राज्य शासन की तरफ दायर की गई रिव्यू पीटिशन पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की खंड पीठ में मामले की सुनवाई हुई। राज्य के सात भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों समेत 12 अफसर्स व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर हजार करोड़ रुपए के घोटोले का आरोप है। समाज कल्याण विभाग में घोटाले को लेकर कुंदन सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर फैसला सुनाते हुए 30 जनवरी को न्यायालय ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी। साथ ही मामले में 7 दिनों के भीतर एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश हाईकोर्ट ने सीबीआई को दिया था। मामले में 7 आईएएस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। जिनमें से दो अधिकारियों ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाई थी। आईएएस बीएल अग्रवाल और सतीश पांडेय की पुनर्विचार याचिका को आज न्यायालय ने खारिज कर दी है। आज मामले पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा व पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने अपना आदेश जारी किया है।