नई दिल्ली : चीन से लौटे इन सभी 645 भारतीयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट से पता लगा है कि ये सभी छात्र व अन्य व्यक्ति कोरोनावायरस से पूरी तरह सुरक्षित हैं.’ इन सभी 645 भारतीयों में कोरोना वायरस का कोई विषाणु नहीं पाया गया है.चीन के वुहान से लौटे भारतीय को दिल्ली व हरियाणा के दो अलग-अलग कैंपों में रखा गया था. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इन लोगों इन कैंपो में रखा गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘चीन से लौटे इन सभी 645 भारतीयों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट से पता लगा है कि ये सभी छात्र व अन्य व्यक्ति कोरोनावायरस से पूरी तरह सुरक्षित हैं.’ इन सभी 645 भारतीयों में कोरोना वायरस का कोई विषाणु नहीं पाया गया है. वुहान ही चीन का वह प्रांत है, जहां से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी.
एअर इंडिया के विशेष विमान से लाए गए सभी 645 भारतीय नागरिकों को सेना और आईटीबीपी द्वारा बनाए गए अलग-अलग केंद्रों में रखा गया था. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि छह फरवरी तक 1,265 उड़ानों के 1,38,750 यात्रियों की कोरोनावायरस जांच की गई, लेकिन अब तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है. भारत में अभी तक सिर्फ केरल में ही कोरोनावायरस के तीन मामलों की पुष्टि हुई है|
भारत लौटे वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले इन 3 मेडिकल छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इन तीनों की स्थिति स्थिर बनी हुई है. इसके बाद से भारत में वायरस को लेकर डर का माहौल बना हुआ है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईएमसीआर) ने 510 लोगों के नमूनों की जांच की है, जिनमें उन तीन छात्रों को छोड़कर सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है.उधर, चीन में मरने वालों की 636 पर पहूंच गई है और 30 हजार से ज्यादा लोगों संक्रमित है. चीन ने पिछले हफ्ते 1,500 बिस्तरों वाला एक नया अस्थायी अस्पताल खोला जो विशेष रूप से वायरस संक्रमित रोगियों के लिए बनाया गया है. इसके पहले वुहान में 1000 बिस्तरों वाले अस्पताल की शुरुआत की गई थी. चीनी अधिकारियों का कहना है कि हुबेई प्रांत में अस्पतालों और सुविधाओं की कमी के कारण मरने वालों की संख्या और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं|