बिलासपुर नगर निगम की कार्यवाही, सिम्स चौक में हनुमान मंदिर तोड़ने की कोशिश पर जताया क‌ई लोगों ने विरोध।

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बुधवार 28-01-2020 नगर निगम की टीम सिम्स चौक के पास दक्षिण मुखी हनुमान हिंदू मंदिर को तोड़ने पहुंच गई। करीब 40 वर्ष पूर्व बने मंदिर के स्थान पर मृत वानर की मृत्यु के उपरांत स्थानीय नागरिको ने हनुमान स्वरूप वानर की समाधि बनाकर यहां दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर को बनवाया था। कुछ लोगों से बात करने के पश्चात्य है पता चला हैं यहां गंदगी का ढेर हुआ करता था। हनुमान मंदिर बनने से यह हिंदू आस्था का केंद्र बन गया। प्राचीन हनुमान मंदिर का तोड़ने के प्रयास पर लोगों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार को हिंदू विरोधी सरकार हिंदू भावना के साथ खेलवाड़ कर रही है।

बिलासपुर नगर निगम में कांग्रेस महापौर का चयन होते ही एक बार फिर से कांग्रेस ने अपना हिंदू विरोधी चेहरा दिखा दिया है। स्थानीय जनमानस ने जोर-शोर से कहा कि बिलासपुर शहर में जगह-जगह बेजा कब्जा है। सिम्स हॉस्पिटल के आस और पूरे सड़क के किनारे फुटपाथ पर दुकानें लग रही है, जिससे यातायात व्यवस्था के चलते लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है किंतु कांग्रेस के महापौर को सिर्फ हिंदू आस्था का केंद्र हनुमान मंदिर ही खटक रहा है। स्थानीय जनमानस और कई हिंदू संगठनों से आए हुए सदस्यों की मांग है कि एक मंदिर का निर्माण कर इस मंदिर को वहां स्थानांतरित करें। 40 साल पहले पंडित मुरारी लाल शर्मा द्वारा स्थापित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर को तोड़ने का प्रयास से पहले यहां महापौर रामशरण यादव भूमि पूजन के लिए पहुंचे जिसके बाद पहुंचे नगर निगम ने जैसे ही मंदिर को ढकना शुरू किया तो विरोध में भारी संख्या में आसपास के लोग इकट्ठा हो गए,

जिसके उपरांत नगर निगम के तोड़ने की कार्रवाई को रोका। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि महापौर के नाम में भले ही राम छुपा हो लेकिन वे कैसे राम है जो हनुमान मंदिर को तोड़ने पर उतारू है । सिम्स चौक पर स्थित 40 साल पुराने हनुमान मंदिर को तोड़ने के नाम पर यहां हंगामे की स्थिति है धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है यहां जुटी भीड़ ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी कीमत पर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर को टूटने नहीं देंगे। साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि क्या नगर निगम किसी मस्जिद या चर्च को इसी तरह तोड़ने की हिम्मत दिखा सकता है? बहुसंख्यक होने के बावजूद केवल हिंदू आस्था पर ही इस तरह के प्रहार को बर्दाश्त नहीं करने की बात यह कही जा रही है। भारी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया है और जमकर भूपेश सरकार की निंदा की है। कई हिंदू संगठनों व स्थानीय जनता की मांग है पहले एक मंदिर बना करके इसको वहां स्थानांतरित किया जाए तभी हम इस मंदिर को तोड़ने की इजाजत देंगे।