रायपुर। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने प्रदेश के मात्र दो विश्वविद्यालयों को नैक की ग्रेडिंग में ग्रेड ए और बी मिलने पर चिंता जताई हैं, उन्होंने राज भवन में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने नैक ग्रेडिंग में दो ही विश्वविद्यालयों को ए और बी ग्रेड मिलने पर चिंता के साथ नाराजगी भी जाहिर की। नैक ग्रैडिंग के बाद सिर्फ इन्हीं विश्वविद्यालयों को ही यूजीसी का ग्रांट मिलेगा, उन्होंने इसका दायरा बढ़ाने की जरुरत बताया। राज्यपाल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत भी की, उन्होंने कहा रविशंकर विश्विद्यालय में नये निर्माण का काम कई साल बाद शुरू हुआ है। सात करोड़ रूपए की स्वीकृति हुए सालों बीत गए, लेकिन निर्माण कार्य अब जाकर शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में लेट-लतीफी नहीं होनी चाहिए, सरकार को इस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को उच्च गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए उन्हें इसकी मानिटरिंग कराए जाने की बात कही हैं। अनुसुइया उइके ने बताया कि एक विश्वविद्यालय को इसका जिम्मा सौंपा जाएगा। राज्यपाल ने प्रदेश में स्थित विश्वविद्यालयों में छात्रों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए एडमिशन और परीक्षाओं को तय समय में कराए जाने के निर्देश सभी कुलपतियों को दिया है, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम कराये जायेंगे जिससे रोजगार के अवसर मिले। बैठक में राज्यपाल ने अतिथि शिक्षकों द्वारा पढ़ाई कराए जाने पर भी चिंता जताई हैं, उन्होंने कुलपतियों को खाली पदों को जल्द भरने के निर्देश दिया हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में अतिथि शिक्षक से पढाई ठीक नहीं है, अतिथि शिक्षक कैसा पढ़ाई पढाएंगे, उन्होंने विश्वविद्यालय में एससी/एसटी के पद खाली होने पर नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने कहा कि एससी/एसटी में प्रमोशन में बहुत पद खाली है लेकिन प्रमोशन नहीं हो रहा है, ये ठीक नहीं है, उन्होंने बताया कि प्रदेश के विश्विद्यालयों में उन्होंने कर्मचारियों के जल्दी प्रमोशन के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने कहा हैं, उन्होंने कहा प्लास्टिक की बोतलों को बंद करके सीसे के बोतल में अधिकारियों कर्मचारियों को पानी पीने के निर्देश दिये हैं, इसके साथ ही राज्यपाल ने विश्विद्यालय कैम्पस में वाहनों का प्रवेश बंद करने का निर्देश दिया है, उन्होने कुलपतियों को विश्वविद्यालय के भीतर सायकाल से प्रवेश की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।