रायपुर- राज्य को जल्द ही सात नए जिलों की सौगात मिल सकती है। नए जिलों के गठन के लिए भूपेश सरकार की कवायद तेज हो गई है, बस्तर संभाग को छोड़कर बाकी सभी संभागों में प्रशासनिक दृष्टिकोण से पिछड़े इलाकों को जिले के रूप में पहचान दी जाएगी। राज्य शासन ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा के संभाग आयुक्तों को पत्र लिखकर नए जिलों के गठन से संबंधित सभी जानकारियां भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि संभाग की ओर से विधिवत प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा जाए। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लिखे गए पत्र में गौरेला-पेंड्रा, चिरमिरी-मनेंद्रगढ़, प्रतापपुर-वाड्रफनगर, पत्थलगांव, भाटापारा, सांकरा से बंजारीनाला(फुलझर अंचल) और अंबागढ़ चौकी को पृथक जिला बनाए जाने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने संभाग आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा है कि राजस्व प्रशासन को सशक्त बनाने एवं आम जनता को त्वरित सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिलासपुर जिले से गौरेला-पेंड्रा, कोरिया जिले से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी, जशपुर जिले से पत्थलगांव, बलौदाबाजार जिले से भाटापारा, महासमुंद जिले से फुलझर अंचल और राजनांदगांव जिले से अंबागढ़ चौकी को पृथक जिला बनाए जाने की दिशा में कार्रवाई विचाराधीन है, लिहाजा नए जिलों के गठन संबंधी सभी जानकारियां जल्द भेजी जाए. राज्य शासन ने संभाग आयुक्तों से प्रस्तावित जिले की कुल जनसंख्या, कुल ग्राम, कुल पटवारी हल्का नंबर, राजस्व निरीक्षक मंडल, मकबूजा रकबा हेक्टेयर की विस्तृत जानकारी, खातेदारों की संख्या, ग्राम पंचायत, नगरी निकाय की पृथक-पृथक जानकारी, राजस्व प्रकरणों की संख्या, कोटवार/पटेलों की संख्या, संयुक्त नक्शा, जिसमें जिलों का सीमा क्षेत्र चिन्हांकित हो समेत कई अहम जानकारी मंगाई गई हैं। साथ ही जिला गठन के संबंध में आवश्यक सेटअप और उस पर होने वाले वेतन भत्ते की जानकारी भी बुलाई गई हैं। पत्र में कहा गया है कि कार्यालय संचालन के लिए विभिन्न मदों में होने वाले आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय की संपूर्ण जानकारी भी भेजी जाए, इसके अलावा संभाग आयुक्तों से यह भी कहा गया है कि नया जिला बनाए जाने का औचित्य अभिमत के साथ दिया जाए। छत्तीसगढ़ में फिलहाल 27 जिले हैं। साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर बनाए गए छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 16 थी। राज्य गठन के बाद 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिला बनाया गया। 1 जनवरी 2012 को तत्कालीन बीजेपी सरकार ने बालोद, मुंगेली, बेमेतरा, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपूर को जिला बनाया था।