नई दिल्ली। देश में एक बार फिर मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत मिला है। बहुमत मिलने के बाद जनता को राहत देने के लिए मोदी सरकार बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। इन राहतों में सबसे बड़ी राहत मध्यम वर्ग को टैक्स से राहत देने की है। एनडीए सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए पूरा जोर लगाएगी और इसके लिए वह मसौदा पहले ही तैयार कर चुकी है। नई सरकार अपने वादे के अनुरूप मध्यम वर्ग को करों से और राहत देने के लिए भी कदम उठा सकती है। इसके अलावा जीएसटी का भी सरलीकरण किए जाने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने और मांग में नई जान फूंकने के लिए खाका पहले ही तैयार कर चुकी है, क्योंकि उसे जुलाई में पूर्ण बजट पेश करना है। वित्त वर्ष 2018-19 में पूरे साल के लिए सकल घरेलू उत्पाद विकास दर अनुमान 7 प्रतिशत रहने के मद्देनजर चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर घटकर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हाल के महीनों में निजी निवेश में कमी के बीच कारों और उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में आई गिरावट मांग में कमी के संकेत हैं। अगर जुलाई में बजट पेश किया जाता है तो उसमें टैक्स में कमी लाई जाएगी। वस्तु एवं सेवा कर 2.0 को लेकर भी सरकार में पहले ही चर्चा हो चुकी है। इसके तहत अनुपालन को आसान करना, रेट स्ट्रक्चर की समीक्षा तथा पेट्रोलियम जैसे उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना शामिल है। जीएसटी के चार स्लैब-5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत को घटाकर अब दो मुख्य स्लैब किए जा सकते हैं।