छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में मारे गए भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच एनआईए करेगी। एनआईए ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 396, 307 और 120 (बी) के तहत और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें, 9 अप्रैल को नक्सलियों ने भीमा मंडावी के काफिले पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। इस हमले में चार जवान भी शहीद हुए थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में जब छत्तीसगढ़ में बीजेपी 15 सीटों पर सिमटी और बस्तर से उसका सूपड़ा साफ हुआ, तब मंडावी ही थे, जो एकमात्र सीट दंतेवाड़ा को जीतकर आए थे। दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के हत्याकांड में केंद्र सरकार ने एनआईए जांच की आदेश दिया था। जिस पर 17 मई को दिल्ली में एनआईए ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले दिवंगत भीमा मंडावी की पत्नी औयस्वि मंडावी को नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवारों की पुनर्वास कार्ययोजना के तहत आर्थिक सहायता के रूप में 5 लाख रुपये देने का ऐलान हुआ था। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए स्वीकृति दे दी है। यह सहायता राशि लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत भुगतान की जाएगी और यह सहायता राशि बैंक में 3 वर्ष की अवधि के लिए सावधि जमा के रूप में रहेगी। यह आर्थिक सहायता उसी समय दी जानी थी लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते इसकी मंजूरी नहीं दी गई थी।