हमें अपने विधायकों पर पूरा विश्वास, विपक्ष अपने मंसूबों पर नहीं होगा सफल- सीएम कमलनाथ

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मध्य प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता की हलचल के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि दस विधायकों ने उन्हें बताया है कि फोन के जरिए प्रलोभन देकर उन्हें तोड़ने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हमें अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है और विपक्ष अपने मंसूबों पर सफल नहीं होगा। कमलनाथ ने मंगलवार को सभी मंत्री और विधायकों के साथ बैठक कर चुनाव पर चर्चा की। बैठक के बाद सीएम के इस बयान से मध्य प्रदेश का सियासी पारे में थोड़ी और हलचल हो गई है। इस बैठक में कांग्रेस सरकार के मंत्री, विधायकों के साथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय चारों विधायक भी शामिल हुए थे। दरअसल, यह मामला तब शुरू हुआ था जब सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यह बयान दिया कि वे राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सत्र बुलाने की मांग करेंगे। उन्होंने दावा किया कि कई कांग्रेस के विधायक कमलनाथ सरकार से परेशान हो चुके हैं और बीजेपी के साथ आना चाहते हैं। ऐसे में सरकार से उन्होंने कहा कि बीजेपी खरीद फरोख्त नहीं करेगी, लेकिन कांग्रेस के ही विधायक अब उनकी सरकार के साथ नहीं हैं। गोपाल भार्गव के इस बयान के बाद एमपी में हड़कंप मच गया। कुल 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, उसे 114 सीटें मिली थीं, हालांकि बहुमत के आंकड़े से वो दो सीटें दूर रह गई थी। बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए थीं, वहीं बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं। इसके अलावा निर्दलीय को चार, बसपा को दो सीटें और सपा को एक सीट मिली थी। चुनाव परिणाम के दिन ही सपा और बसपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था और निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के पक्ष में थे, इस प्रकार कांग्रेस ने अपने बहुमत का आंकड़ा साबित कर दिया था और कमलनाथ मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने थे।