नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों के बीच जमकर जुबानी तीर चल रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी पर बयान के जरिये निशाना साधा गया है, इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए मायावती को सार्वजनिक जीवन के लिए अयोग्य बता दिया है। बता दें कि राजस्थान के अलवर में दलित युवती के साथ हुए दुष्कर्म के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मायावती पर हमला करते हुए कहा था कि दलित युवती से दुष्कर्म के बाद कांग्रेस से बसपा को समर्थन वापस ले लेना चाहिए। अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि मायावती अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं और वे सार्वजनिक जीवन के योग्य नहीं है। जेटली ने ट्वीट किया कि मायावती प्रधानमंत्री बनने की चाहत रखती हैं, लेकिन उनका गर्वनेंस, नैतिकता और संवाद अब तक के सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है। उनका हाल ही में पीएम मोदी को लेकर दिया गया बयान साबित कहता है कि वे राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन के लायक नहीं है। बता दें कि मोदी ने मायावती को मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला कहा था जिस पर मायावती ने पीएम मोदी पर निजी हमला किया था। इंटरव्यू देते हुए मायावती ने मोदी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया था। मायावती ने कहा था कि, नरेंद्र मोदी अलवर दु्ष्कर्म मामले में चुप रहे। उन्होंने चुनावी लाभ लेने के लिए इस मामले पर गंदी राजनीति करने की कोशिश की। ये बेहद शर्मनाक है। जब कोई अपने राजनीतिक फायदे के लिए बीवी को छोड़ सकता है तो वो किसी अन्य की बीबी और बेटियों की इज्जत कहां से करेगा। मायावती यहीं नहीं रुकी थी, उन्होंने कहा कि बीवियां अपने पतियों को मोदी के पास जाने से डरती हैं कि कहीं मोदी की तरह वे भी अपनी पत्नियों को ना छोड़ दें। मोदी द्वारा मायवती से राजस्थान में कांग्रेस से समर्थन वापस लेने के बयान पर मायावती ने कहा कि मोदी दलितों के साथ झूठी हमदर्दी बताते हैं। अगर मोदी वास्तव में पिछड़ी जाति के होते तो वे पिछड़ों और दलितों के बंगले खरीदने पर आपत्ति नहीं जताते। मोदी चुनावी फायदे के लिए रोजाना अपनी जाति बदलते हैं।