दंतेवाड़ा / नारायणपुर। देश के सबसे संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र माढ़ के तुलारधाम का ऐतिहासिक शिवलिंग चोरी हो गया है। महाशिवरात्री के मौके पर जब श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे तो देखा कि शिवलिंग अपनी जगह पर है ही नहीं। यह शिवलिंग बेहद प्राचीन माना जाता है। अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्र होने की वजह से सिर्फ शिवरात्रि के दिन ही आम लोग यहां आते हैं। एक दंतकथा के मुताबिक असुरराज बाणासुर ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था और वह यहां भगवान शिव की आराधना करता था। शिवलिंग के इस तरह यहां से गायब हो जाने की वजह से रहस्य का माहौल बना हुआ है। इस संवेदनशील इलाके में पुलिस की पहुंच भी नहीं है। शिवलिंग के गुम होने की कोई रिपोर्ट भी संबंधित थाने में दर्ज नहीं की गई है। नारायणपुर जिले का यह इलाका अत्यंत दुर्गम होने की वजह से जिला मुख्यालय से भी कटा हुआ है और दंतेवाड़ा के रास्ते लोग यहां तक पहुंचते हैं। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर में शुमार नारायणपुर के तुलारधाम का यह डेढ़ फीट का शिवलिंग वर्षों से यहां स्थापित था। शिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में श्रद्घालु इंद्रावती नदी पार कर उबड़ खाबड़ रास्ते से लगभग 40 किलोमीटर सफर कर यहां पहुंचे, लेकिन उन्हें इस बार शिवलिंग के दर्शन नहीं हुए। पुजारी ने स्थापित स्थल पर चांदी का छत्र बनाकर पूजा की वैकल्पिक व्यवस्था की। इस इलाके में नक्सलियों का एकाधिकार है।