ब्रह्मकुमारीज व राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम खडमा के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओम शांति भवन में संपन्न हुआ कार्यक्रम, ग्राम खडमा के महिला जलवनतिन बाईं धुरु, के साथ साथ संस्थान में सेवाधारियों का ताज व तिलक दे कर किया सम्मानित ।आजादी का अमृत उत्सव स्वर्णिम भारत की ओर ले जाने वाला अवसर है। इस अवसर पर हम सब को मिल कर ,अपने बीसो नाखूनों का जोर लगा कर भारत को स्वर्णिम भारत बनाने में लग जाना चाहिए। प्रधामंत्री जी द्वारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू से आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरुवात की थी।
ग्राम खड़मा के ओम शांति भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “श्रेष्ठ समाज के निर्माण में विभिन्न वर्गो का योगदान” विषय पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ त्रिमूर्ति शिव परमात्म पिता की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित एवं शिव ध्वजारोहण कर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि युवा समाज सेवी डॉ रूप सिंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता जिला गरियाबंद रहे। क्षेत्रीय मुख्यालय सेवाकेंद्र राजिम की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी कि अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनपद सदस्य लग्नी बाई साहू,व ग्राम सरपंच प्रेमाराम कंवर विशेष अतिथि मौजूद रहे। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इंदौर जोन धार्मिक प्रभाग के क्षेत्री य संयोजक राजयोगी ब्रह्माकुमार नारायण भाई जी आमंत्रित रहे।
खड़मा सब सेंटर की संचालिका ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत ताज , तिलक शाल एवं चुनरी ओढ़ाकर कर किए । व अपने स्वागत भाषण में स्थानीय सेवाकेंद्र के भाई,बहनों माताओं एवं वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान करते हुए आग्नतुक सभी क्षेत्र वासियों का स्वागत किया।इंदौर से पधारे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमार नारायण भाई जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हमारा सामाज भौतिक रूप से उन्नति कर तो रहा है। साथ ही साथ समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है।हम दाता के बच्चे है, परमात्मा और प्रकृति दोनों ही दाता है।हमारा मूल स्व तो आत्मा है, जो परमात्मा शिव पिता का ही संतान है।परमात्मा पिता ने हमें ज्ञान, गुण, शक्ति, आंनद,प्रेम,खुशी, सुख,शांति देता है। वहीं प्रकृति सूर्य ऊर्जा का,चंद्रमा शीतलता का, बादल जल का ,वृक्ष फल,फूल, औषधी का प्रदाता है।इसी प्रकार इंसान भी परमात्मा से प्राप्त जीवन मूल्यों को दाता बनकर बांट कर ही धन्य होता है।उन्होंने कहा कि जब भारत को सोने की चिड़िया कहलाता था,तब भारतवर्ष में देव युग था।भारत स्वर्णिम भारत था। यहां मानव दैवीय गुणों व शक्तियों से सम्पन्न थे।सभी के अंदर कल्याण की भावना समाहित थी।सभी के अंदर दाता पन के भाव थे।कारण था ,पवित्रता। पवित्र मन , पवित्र हृदय,से ही किए श्रेष्ठ कार्य से ही श्रेष्ठ समाज की परिकल्पना की जा सकती हैं।मुख्य अतिथि रूप सिंग साहू जी ने कहा कि युवा वर्ग क्या नहीं कर सकता ,मन में दृढ़ संकल्प लें तो बड़े से बड़ा कार्य सहजता के साथ कर सकते है।ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ऐसी संस्था है,जहां से व्यक्ति को समाज ,परिवार,को सही दिशा में चलने प्रेरणा मिलती है।ब्रह्माकुमारी संस्थान के भाई बहनों के अंदर ईश्वर व सामाज
सामाज के प्रति समर्पण भाव किए कार्यों ने समाज को एक नया आयाम दे रही है। अध्यक्षीय उद्बोधन में ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने आशीर्वचन देते कहा कि खुशी जैसी खुराक नहीं। जीवन में सब चला जाए पर खुशी नहीं जाना चहिए।आज संसार के बड़े से बड़े उद्योगपतियों के पास अरबों खरबो की मिल्कियत है पर जीवन में सुख,शांति की कमी है।लेकिन गरीबों के हाथ में संसार की खुशियां है। कार्यक्रम को सरपंच प्रेमाराम कंवर व संस्था के वरिष्ठ सदस्य बी के अगहन सिंग ठाकुर ने भी संबोधित किया। तत्पश्चात् सभी की उपस्तिथि में ग्राम खड़मा की वरिष्ठ 98 वर्षीय महिला जो स्थानीय सेवाकेंद्र ख़दमा की विगत 30वर्षों से ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सक्रिय सेवाधारी रही माता जलवंति बाई का सम्मान किया गया। साथ साथ संस्थान के वरिष्ठ सदस्य ब्रह्माकुमार तेजस्वी भाई,अगहन सिंग ठाकुर, बीके गोविंद यादव , बीके हेम लाल भाई,अलख भाई, तिहार सिंग भाई, सज्जन भाई, गोपाल भाई एवं गौरिमता, शांति माता, रधियामाता,पीली माता निर्मला ,माता, कुमारी आदि माताओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर सेवाकेंद्र अन्तर्गत गरियाबंद, छुरा, देवभोग, कोपरा,श्यामनगर, चमपारन,कौड़केरा, फिंगेशवर, रसेल, कसहीबाहरा की ब्रह्माकुमारी बहने,स्थानीय सेवाकेंद्र के ग्राम रानी परतेवा, कोरासी,मेडली,पिपरछेरी,गायडब्री, करचाली, हरदी,छुरा, सहित क्षेत्र के विभिन्न समाज प्रमुख व ग्रामीणजन उपस्थित थे।