कोरबा। जिले के पत्रकारों से चर्चा के दौरान बस्तर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. एनआर चंद्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश के विकसित प्रदेशों में शामिल है। विकसित प्रदेश के लिहाज से शिक्षा स्तर बहुत नीचे हैं। उद्योगों के डिमांड अनुसार युवाओं के कौशल विकास से बेरोजगारी घटेगी। प्रेस क्लब तिलक भवन में पूर्व कुलपति डॉ. एनआर चंद्रा पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने नेशनल व इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के कोर्स स्ट्रक्चर के निर्धारण करने की यूनिवर्सिटी को जरूरत है। वर्ल्ड लेवल की रिसर्च यूनिवर्सिटी व कॉलेज के कंसल्टेंट प्रोजेक्ट में होने चाहिए। प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। इसकी वजह औद्योगिक घरानों की डिमांड को यूनिवर्सिटी व कॉलेज पूरा नहीं कर पा रहे हैं। दोनों के बीच तालमेल नहीं है। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर अधिक से अधिक मिल सके, इसके लिए यूनिवर्सिटी, कॉलेज व उद्योगों के बीच चर्चा आवश्यक है। इस चर्चा से ही सार्थक परिणाम निकलेंगे और उद्योगों के डिमांड अनुसार युवाओं के कौशल विकास होगा। उद्योगों को टेÑंड मेन पॉवर मिलेंगे। जिले में हायर एजुकेशन की कमी है। इसकी वजह यूनिवर्सिटी का अभाव है। सीएसआर व डीएमएफ फंड से सिर्फ बिल्ंिडग ही नहीं बने बल्कि बेरोजगारी कम करने टें्रड मेन पावर के लिए भी राशि का उपयोग हो। युवा वर्ग भी राजनीति में आगे आकर समाजहित में करें काम एक सवाल के जवाब में डॉ. चंद्रा ने कहा कि युवा वर्ग भी राजनीति में आगे आकर समाज व देशहित में काम करें। वैसे भी भारत युवाओं का देश रहा है। चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शुरू से ही वे कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में भी हूं। अवसर मिलने पर वे जरूर कोरबा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। जिले की समस्याओं को लेकर सवाल पूछे जाने पर कहा कि कोरबा औद्योगिक नगरी है। संयंत्रों से निकले वेस्टेज मटेरियल से जल, वायु प्रदूषित हो रहे हैं। इसे कम करने की जरूरत है। हाथियों के उत्पात से लोगों की समस्या बढ़ गई हैं। मैनेजमेंट प्राब्लम को दूर कर इसका निराकरण किया जा सकता है। प्रदेश सरकार बेहतर काम कर रही है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट बनने से किसानों की की आय बढ़ेगी।
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