रायपुर। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मंगलवार को गरियाबंद जिले के राजिम में राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में कहा कि राजिम छत्तीसगढ़ का प्रमुख तीर्थ स्थान और भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर महादेव की पवित्र भूमि है। यहां राज्य की लोक संस्कृति एवं परम्परा के अनुरूप प्रतिवर्ष माघी पुन्नी मेले का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति का परिचायक बनेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राजिम माघी पुन्नी मेले का आयोजन 19 फरवरी से 4 मार्च तक किया जाएगा। श्री साहू ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रदर्शन के लिए प्रमुख रूप से स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जायेगा। माघी पुन्नी मेले आयोजन के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मेला, महोत्सव और संस्कृति के संरक्षण तथा लुप्त हो रही संस्कृति को संजोने का प्रयास किया जाएगा। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तीन मंच बनाए जाएंगे। इन मंचों में पंडवानी, भरथरी , राउत नाचा, पंथी जैसे छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम होंगे। मेले के दौरान कबड्डी, फुगड़ी, जलेबी दौड़ और स्थानीय खेलों का भी आयोजन किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाएगा
मेले के आयोजन के दौरान पर्यावरण संरक्षण का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। दर्शनार्थी पद यात्रा कर कुलेश्वर महादेव के दर्शन करने जायेंगे। जरूरत के अनुसार नदी की रेत को दोनों ओर से खींच कर सड़क बनाया जाएगा। नदी के अन्दर मुरूम की सड़क नहीं बनेगी। नदी के दोनों पार में चलित शौचालयों की व्यवस्था की जायेगी। इस दौरान संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जनप्रतिनिधियों एवं आमजन से आयोजन के संबंध में सुझाव लिये। लोगों के सुझाव पर पॉलीथिन पर प्रतिबंध, राजीव लोचन एवं कुलेश्वर महादेव मंदिर की साफ-सफाई, स्नान स्थल में महिलाओं हेतु अलग से चेंजिंग व्यवस्था सहित अन्य कई सुझावों पर सहमति दी गई।