कमीशन खोरी के चक्कर में जनपद के जनप्रतिनिधियों , पी. पी. ई. किट को जिसकी लागत 15000 के लगभग है 90750 रुपए का बिल , पंचायत में दवाओं

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गरियाबंद- धरोहर संदेश – विश्व में कोरोना जैसी महामारी से परेशान सभी वर्ग के लोग इस महामारी से बचने के लिए आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं अपनी जीवन को सरलता के साथ जी रहे हैं लेकिन वहीं पर पैसा कमाने व कमीशन खोरी के चक्कर में जनपद में बैठे हुए जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायतों पर बगैर मांग की कोरोना किट पी. पी. ई. किट को जिसकी लागत 15000 से 20000 के आसपास है वही बिना कोई सूचना के किट को पंचायत में सीधे भेज दिया गया वही पंचायत में 90750 रुपए का बिल देकर भुगतान करने मजबूर किया जा रहा है जनप्रतिनिधि यहां पर परेशान होकर जानकारी दिया गया कि हमारे पंचायत में अभी तक एक भी मजदूर नहीं आया है और कई पंचायत में कोई मजदूर बाहर ही नहीं गए हैं तो वहां पर किट की कोई आवश्यकता ही नहीं है फिर भी उसके लिए ₹90750 का किट पंचायतों में थमा दिया गया है जिससे हम परेशान हैं हमारे पंचायत में अभी भी मजदूर आने की संभावना नहीं है कई पंचायतों में जानकारी दिया गया कि हमारे पंचायत से कोई मजदूर बाहर नहीं गए हैं इसके बावजूद भी पी पी ई किट पंचायत में देकर भुगतान करने पर मजबूर किया जा रहा है यह उल्लेखनीय है कि करोना संक्रमण से निपटने के लिए पूर्व में शासन द्वारा पंचायत में भेजी गई 14 वित्त योजना की राशि में से कुछ रकम जरूरत के हिसाब से खर्च करने के लिए सरपंच सचिव को कहा गया था इस राशि से कहीं पर मास सैनिटाइजर वाहन केमिकल खरीद कर गांव में छिड़काव कराया गया अधिकांश पंचायतों में सैनिटाइजर का भी छिड़काव कर दिया गया लेकिन जब पंचायत में जिम्मेदार लोग द्वारा बिना मांग के ₹90750 मूल बताते हुए को रोना से बचाव हेतु किट खरीदने के मौखिक आदेश दिया जा रहा है किक में किट में जी.एस . एम. पी. पी. सूट, है हिंदी हैंड सैनिटाइजर स्पेयर पंप हैं अभी तक गरियाबंद के अधिकांश पंचायत पत्थर मोहदा, खरहरी ,कसेरू , बेहरबुड़ा, परसुली और अन्य पंचायत में जनप्रतिनिधियों ने कमीशन के चक्कर में अपनी जेब गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं यही पंचायत में दवाओं देकर पी पी ई किट को खरीदने को मजबूर कर रहे हैं

जनपद पंचायत सीईओ से फोन पर पूछने पर बताया गया कि उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया गया है किसी प्रकार से जानकारी नहीं है