रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि धान की खेती के साथ ही बाजार की मांग के अनुसार अन्य फसलों की भी खेती करें। साथ ही कृषि से जुड़े पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन आदि कर अपनी आमदनी बढ़ाएं और खेती को लाभ का धंधा बनाएं. राज्यपाल उइके आज तुलसी बाराडेरा रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रही थी. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे को किसानों को धान का उचित मूल्य देने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में बायोटिक स्ट्रेस सेंटर प्रारंभ करने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखेंगी. मेले में राज्यपाल सहित अन्य अतिथियों ने ड्रोन के माध्यम से दवाई छिड़काव का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि से प्रदेश के किसानों को सहायता प्राप्त हो रही है. जिन आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा प्राप्त हुआ है उन्हें भी इसका लाभ मिलना चाहिए. इस मेले में मुझे ऐसे नये तकनीक देखने को मिली जिसे किसान अपनाकर कृषि को लाभकारी बना सकते हैं।
राज्यपाल उइके ने कहा कि हमारा किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो, इसके लिए आवश्यक है कि उन्हें उनकी उपज का उचित और लाभदायक प्रतिफल प्राप्त हो. कृषि उत्पादन से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचने के बीच में होने वाले नुकसान को कम किया जाए. बेहतर बाजार व्यवस्था, फसल कटाई के बाद की सुविधाओं का विस्तार और प्रोसेसिंग सुविधाओं के जरिए इन नुकसानों को कम किया जा सकता है. इससे किसानों को बाजार के अनुरूप और सही कीमत प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों पर आधारित छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किया जाना चाहिए, इससे अधिक उत्पादन की स्थिति में उत्पादों को सुरक्षित रखकर बाद में उनका सदुपयोग होगा और रोजगार भी मिलेगा।