बात सदियों पुरानी है, जब रोम में राजा क्लॉडियस का सम्राज्य हुआ करता था, जो अपने पराक्रम, वीरता और श्रेष्ठता के लिए दुनिया भर में जाना जाता था और एक दिन क्लॉडियस ने अपने सम्राज्य को विश्व शक्ति बनाने के लिए अजीबोग़रीब फ़रमान जारी किया। जिसमें उन्होंने अपने सम्राज्य के किसी भी पुरुष को शादी नहीं करने का आदेश दिया। इस बारे में क्लॉडियस का कहना था कि शादी करने से पुरुष की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति का नाश हो जाता है। ऐसे में रोम की वीरता और श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पुरुषों को अविवाहित रहना ज़रूरी है।
क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान से पूरे रोम में हाहाकार मच गया। लोगों ने, खासकर महिला वर्ग ने इसका पूरा विरोध किया और वे धार्मिक संतों के पास पहुंचे। इसके बाद संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान का पुरज़ोर विरोध किया और रोम के लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के आदेश की परवाह न करते हुए, रोम में सैनिकों और अधिकारियों समेत आम लोगों की शादी करवाई। जिससे क्लॉडियस काफी नाराज़ हुए और उन्होंने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और फिर संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन संत वैलेंटाइन को सूली पर लटकाया गया, उसी दिन से वैलेंटाइन डे मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।