रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज कलिंगा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ डिग्रियां प्राप्त करना ही उपलब्धियां नहीं होती, बल्कि हमेशा आचार-विचार और संस्कार भी धारण करें। वास्तव में यही गुण व्यक्ति को ऊंचे मुकाम पर ले जाती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जो जैसे सोचता है और उसके लिए प्रयास करता है, वैसा ही बनता है। इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखें और उसके लिए समर्पित होकर प्रयास करें। इस अवसर पर राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों ने विद्यार्थियों को उपाधि वितरित किए। राज्यपाल उइके ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखती हूं और कॉलेज के दिनों में छात्र-छात्राओं के हितों के लिए प्रयासरत रहती थी। वहीं से मेरे भीतर नेतृत्व की भावना जागी। उसके बाद मैंने समाज सेवा को लक्ष्य बनाकर कर कार्य करना शुरू किया और आज मुझे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि सर्वांगीण शिक्षा हमारे गौरवशाली मूल्यों को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए ज्ञान और सूचना टेक्नोलॉजी में समन्वय करके हम अपने शैक्षिक विकास को तीव्र कर सकते हैं। इसके साथ-साथ हमारे शिक्षण संस्थानों को, मुल्यपरक शिक्षा पर भी जोर देना चाहिए जिससे विद्यार्थियों को आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत के प्रति पूर्ण जानकारी हो। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं, हमारे युवाओं को भारतवर्ष की गौरवशाली संस्कृति एवं परंपरा के ज्ञान से भी समृद्ध करें। राज्यपाल ने कहा कि आज भूमंडलीकरण का युग है। हम सभी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के माध्यम से वैश्विक संस्कृति के हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे वैश्विक परिवेश में युवाओं के सामने अनेक आकर्षक अवसर भी प्राप्त हो रहें हैं किन्तु चुनौतियां भी कम नहीं है। इन चुनौतियों का सामना करते हुए, उनका समाधान करके ही, विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि यह सुनहरे भविष्य की शुरूआत है। विश्वविद्यालयीन शिक्षा पूर्ण करने के बाद आपको राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण दायित्व का भी निर्वहन करना है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने भी अपना संबोधन दिया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार शुक्ला, कुलाधिपति डॉ. संदीप अरोरा, महानिदेशक डॉ. बैजु जॉन, कुल सचिव डॉ. संदीप गांधी सहित प्राध्यापकगण तथा विद्यार्थीगण और उनके परिजन उपस्थित थे।