दो तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर, कोड़ेकुर्से में पढ़ने वाले बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जाने मजबूर

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कांकेर । जिले में पिछले दो तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। कोयलीबेड़ा ब्लॉक में मेढकी नदी उफान पर होने से लगभग दर्जन भर गांव का संपर्क जिला और ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है, इससे इस क्षेत्र के ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं। मेढकी नदी में पुल नहीं होने से ग्रामीण नदी में बने एनीकेट के माध्यम से ही आवगमन करते हैं, लेकिन लगातार बारिश से पानी अब एनीकेट से ऊपर बह रहा है, जिससे नदी पार करना जान जोखिम में डालने जैसा हैं। ऐसे में ग्रामीणों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई हैं। मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटो में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। इन दिनों क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते कोड़ेकुर्से स्थित कोटरी नदी की धारा तेज हो गई है। लगभग 40 गांवों के लोगों का आवागमन कुछ इसी तरह से होता है। नदी में बने एनीकट कुछ दिन पहले दिखाई दे रहा था, लेकिन शनिवार से लगातार दिन-रात बारिश होने से नदी-नाले ऊफान पर हैं, वहीं क्षेत्र की प्रमुख कोटरी नदी में जलस्तर बढ़ गया हैं। फिर भी कोड़ेकुर्से में पढ़ने वाले स्कूली बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल जाने मजबूर हैं। बारिश के पहले प्रशासन हर साल बैठक कर आपदा प्रबंधन की मुस्तैदी की बात करती है, पर कोड़ेकुर्से के कोटरी नदी में दो स्कूली बच्चे खतरा उठाकर नदी पार कर रहे हैं। जो शासन-प्रशासन की सजगता को स्पष्ट बयां करता हैं। जबकि इस नदी को पार कर शिक्षक और बच्चे रोजाना आना-जाना करते हैं,नदी में निर्माणाधीन पुल अब 2020 तक ही बन पाएगा। तब तक ऐसी तस्वीर देखने को मिलती रहेगी। चालूू मानसून के दौरान जिले के सभी 07 तहसीलों में आज 24 घंटे के दौरान व्यापक वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान सर्वाधिक 103.0 मिली मीटर वर्षा दुगूर्कोंदल और सबसे कम 39.6 मिली मीटर वर्षा नरहरपुर तहसील में दर्ज की गई।

इसे मिलाकर सभी तहसील में एक जून से 30 जुलाई तक 551.8 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील कांकेर में 41.1 मिली मीटर, भानुप्रतापपुर में 77.7 मिली मीटर, दुर्गूकोंदल में 103.0 मिली मीटर, चारामा़ में 47.2 मिली मीटर, अंतागढ़ में 84.9 मिली मीटर, पखांजूर में 80.5 मिली मीटर और नरहरपुर में 39.6 मिली मीटर औसत वर्षा अब तक दर्ज की गई है। विगत 10 वर्षों के आधार पर जिले की औसत वर्षा 15580 मिली मीटर दर्ज की गई है।