नई दिल्ली। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वाणिज्य एवं उद्योग और फिर रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण को अब वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने नए मंत्रालय का प्रभास संभाल लिया है। सीतारमण देश की पहली महिला वित्तमंत्री हैं। उन्हें साल 2008 में भाजपा से जुड़ी थीं और उन्हें प्रवक्ता का पद दिया गया था। उन्होंने साल 2014 तक इस पद पर काम किया। इसके बाद साल 2014 केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें जूनियर मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई, लेकिन बाद में उन्हें रक्षा मंत्री बना दिया गया था। निर्मला सीतरमण ने मंत्री के रूप में अपने काम से सबको प्रभावित किया है, लेकिन वित्त मंत्री के रूप में अब उनके सामने कई चुनौतियां होंगी, जिसका उन्हें सामना करना होगा… देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी। विकास दर को 7 फीसद या इससे अधिक पर लाने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी, जो फिलहाल 6.6 फीसद पर है। दूसरी चुनौती एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स के मुद्दे को पीछे छोड़कर अर्थव्यवस्था में पूंजी का प्रवाह बढ़ाने की होगी। वहीं, तीसरी चुनौती देश में रोजगार के सृजन की होगी। विश्व बैंक के अनुसार, देश में हर साल करीब 81 लाख नई नौकरियों की जरूरत है। इसके अलावा धीमी विकास दर की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे दबाव को कम करना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। साथ ही निर्यात के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए उन्हें अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। जीएसटी के तहत कम रेट के स्लैब बनाने होंगे। अभी जो वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, उन्हें इसमें शामिल करना। साथ ही कापोर्रेट टैक्स रेट कम करना, छूट को खत्म करना भी निर्मला सीतारमण के लिए आसान नहीं होगा। किसानों की आय चुनावों में बड़ा मुद्दा रहा है। लिहाजा किसानों की निश्चित आय के लिए योजना बनाना, सिंचाई के लिए सुविधाएं मुहैया कराना और फर्टिलाइजर के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसे मुद्दों पर भी निर्मला को विशेष ध्यान देना होगा। बुनियादी क्षेत्र में विकास की राह भी आसान नहीं होगी। बुलेट ट्रेन्स के लिए अधिक कॉरिडोर बनाना। निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करना। साल 2022 तक सभी के लिए घरों की व्यवस्था करना। ग्रामीण इलाकों तक सड़कों की व्यवस्था सुनिश्चित करना, पोर्ट और नदी जोड़ो परियोजना का निजीकरण करना, जलमार्गों का विकास करने सहित कई चुनौतियों का सामना उन्हें करना होगा।