उज्जैन। धर्मधानी उज्जयिनी अब स्वर्ण मंदिर अमृतसर की शाखा के रूप में भी जानी जाएगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) उज्जैन में धर्म प्रचार संस्था का कार्यालय खोलने जा रही है। यहां से पांच राज्यों में धार्मिक गतिविधियों का संचालन होगा। इसके लिए ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरुनानक घाट के पास 5 बीद्या जमीन खरीदी गई है। जल्द ही यहां कार्यालय बनाने का काम शुरू होगा। गुरुवार को यह बात गुरुवारा परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में सुख्खाजी भूरीवाले के सान्निध्य में तत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा ने कही। उन्होंने बताया एसजीपीसी देश में एतिहासिक गुरुद्वारों का निर्माण संत कश्मीरसिंघजी भूरीवाले एवं बाबा सुख्खाजी के माध्यम से कराती है। उज्जैन के इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे का निर्माण भी सुख्खाजी भूरीवाले के सान्निध्य में हो रहा है। सिंहस्थ 2028 तक निर्माण कार्य चलेगा। अब उज्जैन एसजीपीसी की शाखा के रूप में भी जाना जाएगा। यहां जल्द ही धर्म प्रचार संस्था का कार्यालय भी होगा। धर्म प्रचार शाखा का कार्यालय खुलने के बाद यहां से गुरुग्रंथ साहिब का वितरण भी शुरू होगा। अरोरा ने बताया हिन्दुस्तान में गुरुग्रंथ प्रकाशन का अधिकार केवल अमृतसर गुरुद्वारे के पास है। उज्जैन में धर्म प्रचार शाखा खुलने के बाद यहां से धर्मग्रंथ के वितरण की व्यवस्था शुरू होगी। गुरुद्वारा श्री गुरुनानक घाट के शुभारंभ से पहले शुक्रवार को गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना होगी। इसके लिए सुबह 5 बजे कंठाल से नगर कीर्तन निकलेगा। शहर के चार गुरुद्वारों से प्रभात फेरियां कंठाल पहुंचेंगी। यहां से संयुक्त नगर कीर्तन शुरू होगा। पालकी में गुरुग्रंथ साहिब विराजित रहेंगे। प्रमुख मार्गों से होकर नगर कीर्तन सुबह 8 बजे गुरुनानक घाट पहुंचेगा। पश्चात जत्थों द्वारा कीर्तन किया जाएगा। गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना के बाद सुबह 10 बजे से अखंड पाठ साहिब का शुभारंभ होगा। 2 जून को सुबह 9 बजे पाठ की समाप्ति के बाद गुरुद्वारे का शुभारंभ किया जाएगा।