रविवार को भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायक भी शामिल हुए। सभी ने एक सुर से कहा-हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं। समर्थन जारी रहेगा। बैठक में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह, नकुल नाथ भी मौजूद थे।एग्जिट पोल और फिर लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कमलनाथ सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सरकार को समर्थन दे रही निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह, बसपा विधायक राम बाई और सपा विधायक भी शामिल हुए। बैठक के बाद सभी ने कहा वो सरकार को समर्थन देते रहेंगे। इस तरह फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ सरकार फ्लोर चैकिंग में सफल हुई। इसी के साथ प्रदेश में अब कांग्रेस के साथ निर्दलीय और सपा बसपा के विधायकों की पूछ परख बढ़ गयी र्है। बैठक में कहा गया कि मंत्रियों को विधायकों की बात और शिकायतें सुनना होंगी। मंत्रियों के साथ ही जिला स्तर पर कमिश्नर कलेक्टरों को भी तत्काल विधायकों की शिकायत पर कार्रवाई करना होगी। बैठक में बसपा विधायक राम भाई और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर भी पहुंचे। सपा और बसपा विधायकों का दावा कि उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल होने की कोई शर्त नहीं रखी है। कमलनाथ सरकार को बिना शर्त समर्थन जारी रहेगा। सपा विधायक राजेश शुक्ला ने भी समर्थन जारी रखने की बात कही। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा,कांग्रेस सरकार से किसी तरह की नाराजगी नहीं है। कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं।121 विधायकों का समर्थन कांग्रेस सरकार के पास मौजूद है। शक्ति प्रदर्शन में कांग्रेस सरकार पास है। बैठक में लोकसभा चुनाव में हार के मुद्दे पर विधायकों ने कहा,राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चुनाव हुआ। राष्ट्रवाद का मुद्दा कांग्रेस पर भारी पड़ा। आगामी दिनों में पार्टी और सरकार के कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू करने पर मंथन किया जाएगा। कमलनाथ कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में सीएम कमलनाथ ने निर्देश दिए कि मंत्रियों को महीने में 2 दिन प्रभार वाले जिलों में बिताना होगा। हर हफ्ते हर विभाग की विभागीय समीक्षा की जाएगी। सीएम ने कहा मंत्री और विभागीय अफसरों के साथ योजनाओं पर अमल का फीडबैक लिया जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक कामकाज में कसावट लाने के भी निर्देश दिए। सीएम ने कहा अफसरों के साथ समन्वय बनाकर काम करना होगा। हफ्ते में 2 दिन कैबिनेट की बैठक की जाएगी। बैठक में कुछ मंत्रियों ने मंत्रिमंडल विस्तार कर निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाने की मांग उठायी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार पर मंत्रियों से फीडबैक लिया गया। ज्यादातर ने कहा कि मोदी लहर और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर पार्टी की हार हुई है। सबने राष्ट्रीय स्तर पर मंथन की जरूरत बताई ।