रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का कामकाज चलते हुए लगभग पांच माह हुए हैं, जिसमें से तीन महीने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के भी शामिल हैं। सीधे तौर पर सरकारी काम के लिए उन्हें मात्र दो माह का समय मिला। इस बीच उन्होंने किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, निम्न आय वर्ग वाले शहरवासियों जैसे तबकों के लिए ऐतिहासिक कल्याणकारी योजनाएं लागू की, वहीं दूसरी ओर विलम्बित अधोसंरचना परियोजनाओं में तेजी लाकर समयबद्ध रूप से उन्हें पूर्ण करने पर भी जोर दिया है। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि इस वर्ष बरसात चालू होने के पहले बड़ी संख्या में विलम्बित योजनाओं को पूर्ण किया जाए, जिसमें इनमें लगभग 4 हजार करोड़ रू के निवेश का लाभ जनता को तुरंत मिल सके। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर सार्वजनिक उपयोग वाली ऐसी अनेक परियोजनाओं का चिन्हांकन किया गया, जिन्हें बरसात चालू होने के पहले पूर्ण किया जा सके। लोक निर्माण विभाग द्वारा 92 किमी लम्बाई की 20 सड़कों के कार्य बरसात के पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसकी लागत 229 करोड़ रू है, वहीं छत्तीसगढ़ रोड डेव्हलपमेंट कापोर्रेशन की 26 सड़कें भी शामिल हैं, जिनकी कुल लम्बाई 767 किमी है और प्रशासकीय स्वीकृति 2 हजार 636 करोड़ की है। विभिन्न संभागों में 385 करोड़ रू से अधिक की लागत के 42 पुलों को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें गुड़भेला नाला (कोरिया), रेहण्ड नदी, घुनघुट्टा नदी (सूरजपुर) नूनदरहा, पजहार नाला, पांझर नदी (रायगढ़), कंजी नाला, सोन नदी (जांजगीर-चांपा) मनियारी नदी (मुंगेली), अरपा नदी (बिलासपुर), गीदम नदी (दंतेवाड़ा), मारकंडी नदी (बस्तर), गणेशबहार नदी (दंतेवाड़ा), बारू नदी (सुकमा), कन्हैया नाला, हाफ नदी, जमुनिया नदीए (कबीरधाम), पिपरिया नाला, डोमी नाला, कुदुरघोड़ा (राजनांदगांव), करूहवा नाला, शिवनाथ नदी (बेमेतरा), खारून नदी, कुरिया नाला, कानामुका नाला, परेवाडीह नाला, आमानाला, सेन्दूर नदी, (धमतरी), कोल्हान नाला खैरा नाला (बलौदाबाजार), सढ़ोली नदी (गरियाबंद), केशवा नाला, घोंघ मोहगांव (महासमुंद) आदि शामिल है। इसी प्रकार आर.ओ.बी. के तहत लाल खदान (बिलासपुर), नेहरू नगर (दुर्ग) रायपुर-टिटलागढ़ रेल लाइन (रायपुर), गोंदवारा (रायपुर) आदि आर.ओ.बी. का कार्य बरसात के पूर्व करने के निर्देश दिए हैं। रायपुर में फाफाडीह, तेलीबांधा, रायपुर फोरलेन एक्सप्रेस-वे, जिसकी लागत लगभग 313 करोड़ रू को बरसात पूर्व करने का प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह खरसिया-कोरछापर 44 किमी रेल मार्ग को भी बारिश पूर्व करने के निर्देश दिए हैं।