सोशल मीडीया पर प्रचार के खर्च में भाजपा का बजट रहा सबसे ज्यादा

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लोकसभा चुनाव के तीन चरणों में प्रचार के लिए भाजपा का सोशल मीडिया का बजट सबसे ज्यादा रहा। पार्टी के आधिकारिक पेज पर चुनाव से जुड़े विज्ञापनों पर खर्च में दूसरे दलों के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। जबकि, इस मामले में कांग्रेस के बजट में कम वृद्धि देखने को मिली। फेसबुक की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, तीसरे चरण तक चुनाव प्रचार के मकसद से भाजपा ने कुल 1.32 करोड़ रुपये के 1.732 विज्ञापन जारी किए हैं। जबकि दूसरे चरण तक भाजपा ने कुल 87.47 लाख रुपये खर्च कर 1.129 विज्ञापन दिए थे। तीसरे चरण में सबसे ज्यादा 117 सीटों पर मतदान हुआ है। अगर भाजपा और उसके समर्थित पेजों को जोड़ दिया जाए तो विज्ञापन पर कुल खर्च 5.84 करोड़ रुपये पहुंच जाता है। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस इस पर कम खर्च कर रही है। पिछले दो चरणों के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस ने फेसबुक पर 44.07 लाख रुपये के 1.205 विज्ञापनों दिए थे। तीसरे चरण तक यह आंकाड़ा 55 लाख रहा, जिसके तहत कुल 2.202 विज्ञापन जारी किए गए। इनके अलावा फेसबुक के टॉप टेन विज्ञापनदाताओं की सूची में बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक भी हैं। पटनायक के प्रचार के लिए फेसबुक पर विज्ञापनों में अभी तक 44 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है ट्विटर और इंस्टाग्राम के मुकाबले फेसबुक लोगों का नजरिया बनाने में ज्यादा कारगर है। यही वजह है कि राजनीतिक दल भी अपनी बातों को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए फेसबुक को ही ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। फेसबुक को इस साल फरवरी से अब तक कुल 17.16 करोड़ रुपये के 84.368 विज्ञापन मिले हैं। इनमें से करीब 6 करोड़ रुपये के विज्ञापन सिर्फ भाजपा और उनके समर्थित पेजों के जरिए ही मिले हैं।
जानकारों का मानना है कि तीसरे चरण के चुनाव तक लोकसभा की कुल सीटों में से आधे से ज्यादा पर मतदान संपन्न हो चुका है। ऐसे में बची हुई सीटों पर प्रचार के लिए राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया कैंपेन में और तेजी आएगी। यानी फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर दिए जाने विज्ञापनों की राशि बढ़ाई जानी तय है।