आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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चुनाव आयोग की तरफ से लगाया गया 72 घंटे का प्रतिबंध खत्म होने के बाद शुक्रवार को उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट की सीरीज में कहा कि हिन्दू होना उनकी धार्मिक पहचान है और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत उन्होंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया। योगी ने यह भी कहा कि उनके मंदिर दर्शन को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। गौरतलब है कि एक चुनावी सभा में बजरंग बली और अली वाले कथित बयान को लेकर आयोग ने योगी के प्रचार करने पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया था। ट्वीट में योगी ने कहा कि राष्ट्र की संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों का मान भाजपा की विचारधारा का अभिन्न अंग है, विगत 72 घंटे में मैंने चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान किया और उसे समुचित आदर दिया। योगी ने हनुमान जयंती की बधाई देते हुए कहा, हनुमानजी में मेरी अटूट आस्था है और संकटमोचन में इस आस्था के बीच कोई नहीं आ सकता। उनका दृढ़ संकल्पित, समर्पित जीवन मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत है। अतुलित भक्ति और अपरिमित शक्ति के प्रतीक श्री हनुमानजी की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं। एक अन्य ट्वीट में योगी ने कहा, मेरी रग रग में राम, कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म और कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है। आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है, वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है। योगी ने अयोध्या और वाराणसी में मंदिरों के दर्शन को लेकर अपने ट्वीट में कहा, मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेवजी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता। अयोध्या में रामलला, हनुमान गढ़ी में बजरंग बली और सरयू माता के दर्शन पाकर हुई अनुभूति को शब्दों में व्यक्त कर पाना संभव नहीं है। अयोध्या में दलित के घर जाकर भोजन करने का जिक्र करते हुए योगी ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं से जन-जन कितने प्रसन्न हैं, इसका पता भाई महावीर और उनके परिवार से मिलकर चला। उनकी पत्नी सावित्री द्वारा बनाया गया सादा किंतु सुस्वादु भोजन ग्रहण कर प्रसन्नता हुई। समाज के आखिरी पायदान पर बैठे वंचितों के जीवन में ऐसी खुशियां हों, यही भाजपा का लक्ष्य है।