अपने ही कार्यकतार्ओं को मनाने मेें कामयाब नहीं हो पा रहे कांग्रेस और भाजपा के नेता

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जयपुर। लोकसभा चुनाव अभियान गति पकड़ने के साथ ही दो मुख्य पार्टियां कांग्रेस और भाजपा के नेता अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए सक्रिय हो गए है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक के बड़े नेता मिशन-25 में जुटें है। दोनों ही पार्टियों के नेता वोट लेने के लिए तो प्रयास कर रहे है,लेकिन अपने ही कार्यकतार्ओं को मनाने में वे फिलहाल कामयाब नहीं हो पा रहे। अपनों की नाराजगी का सबसे अधिक शिकार केंंद्र की मोदी सरकार के दो मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और पी.पी.चौधरी हो रहे है। इनमें मेघवाल बीकानेर और चौधरी पाली से चुनाव लड़ रहे है। मेघवाल को टिकट दिए जाने के विरोध में दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी भाजपा छोड़ दी है। उधर कांग्रेस में आधा दर्जन सीटों पर कार्यकतार्ओं ने पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ आलाकमान तक अपना विरोध दर्ज कराया है । कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने धौलपुर-करौली सीट पर अभिजित जाटव को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। बैरवा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,उप मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से मुलाकात कर जाटव को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि धौलपुर-करौली बैरवा समाज की परंपरागत सीट होने के बावजूद जाटव को टिकट दिया जाना गलत है । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ.सुरेश यादव ने भी टिकट तय करने में धांधली का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है। राजसमंद भीलवाड़ा,जयपुर ग्रामीण,जयपुर शहर और झालावाड़ संसदीय क्षेत्रों में घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ नेता और कार्यकतार्ओं ने बगावत कर दी है। उधर भाजपा में बीकानेर और पाली के साथ ही झुंझुंनूं,टोंक-सवाई माधोपुर आदि क्षेत्रों के कार्यकतार्ओं ने खुलकर नाराजगी जताई है। बीकानेर में मंगलवार को मेघवाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ ।