प्रयोग समाज सेवी संस्था, तिल्दा रायपुर, विगत 40 वर्षों से जल-जंगल-जमीन से संबंधित समस्याओं के निदान के अलावा अनपेक्षाओं की मंशा के अनुरूप धरातल पर सुदृढ, समृद्ध त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन, जरूरतमंद, उपेक्षित, शोषित जनों के हितों से सम्बद्ध अनेकों जनवादी शासकीय व्यवस्था लागू करने निरंतर प्रयत्नशील है।विगत वर्षों में पुरे विश्व में व्याप्त महामारी के कारण सभी देश सामाजिक आर्थिक रूप से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है, मुख्य रूप से मजदुर वर्ग के परिवार जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। पलायन को रोकने व युवाओ को रोजगार के अवसर प्रदान करने साथ ही ग्रामीण स्तर पर लोगो को
शासकीय योजनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए “भारत में कोविड-19 के प्रभाव से बनी सामाजिक-आर्थिक स्थिती सुधार के लिए सामुदायिक संगठनों की क्षमता विकास परियोजना” का संचालन जनवरी 2022 से किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के तीन जिले धमतरी, गरियाबंद और महासमुंद में इस कार्यक्रम के लिए 2 लाख 50 हजार लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमे 351 गाँव
शामिल है, गरियाबंद ब्लाक के 54 तथा मैनपुर ब्लाक के 75 गाँव को रखा गया है।इस परियोजना का संचालन तीनो जिलो में कार्य कर रहे सामुदायिक संगठन, सरकारी विभाग, ग्रामीण स्तर से राज्य स्तर में व्याप्त पंचायती राज व्यवस्था, सरकारी व गैर-सरकारी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के सहयोग से किया जा रहा है जिसके अंतर्गत असंगठित क्षेत्रो के मजदुर तथा बेरोजगार युवा वर्ग, सीमांत व छोटे किसानों, महिलाओं व महिला समूहों में अर्धकुशल श्रमिको का कौशल विकास से सम्बंधित ट्रेनिंग कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। उनकी क्षमता अनुसार आसपास के उद्योगों में उनकी भर्ती करना रोजगार के अवसर प्रदान करना तथा जो व्यक्ति अपने उद्यमिता स्थापित कर उनके विकास के लिए कार्य करना चाहता है उसमे उनकी मदद करना शामिल है।आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य से संबंधित शासकीय योजनाओ (PDS.ICDS, MDM), रोजगार MGNREGS) व पेंशन से जोड़ना है। कृषि व कृषि से संबंधित अन्य क्षेत्र, सामाजिक सुरक्षा तथा अन्य सरकारी सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम करना। केंद्र सरकार व् राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं से वंचित योग्य परिवारों को जो मुख्यत ‘गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन कर रहे है, सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर चिन्हित करना तथा उनको अधिक से अधिक योजनाओ का लाभ दिलाना है ।ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की जरूरतों, संसाधनों की उपलब्धता, युवाओं, महिलाओं, सीमांत व छोटे किसानों से सम्बंधित जरूरतों की सरकार तथा उनसे सम्बंधित विभागों को अवगत कराना तथा उनको अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना है। मुख्य रूप से प्रवासी मजदूरों के हित में सामर्थ लोकनीति बनाने के लिए शासन के साथ संवाद स्थापित करना भी इस परियोजना का मुख्या उद्देश्य है।