लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में मतदान और 23 मई को एकसाथ सभी सीटों पर मतगणना का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। इसके साथ ही आदर्श आचार सहिंता भी लागू हो गई है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले बीते रविवार को छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में भारी हड़बड़ी में दिखी। बीते दो दिनों में छत्तीसगढ़ सरकार ने ताबड़तोड़ फैसले लिए कई योजनाओं की घोषणा की चुनाव की घोषणा से पहले राज्य में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर किए गए। अंतिम क्षणों तक ट्रांसफर रद कराने की कोशिश की जाती रही। आचार संहिता लागू होने से पहले भूपेश सरकार के लिए गए फैसलों को छत्तीसगढ़ के मुख्य अखबारों ने सोमवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। आखिरी वक्त में निर्णय लिए गए। सेना या केंद्रीय बल में कार्यरत छत्तीसगढ़ के किसी निवासी के शहीद होने पर उनकी पत्नी को तुरंत नौकरी देने का एलान किया गया। उनके बच्चों को कालेज तक मुफ्त शिक्षा दिलाने का आदेश भी जारी किया। राज्य सरकार ने आखिरी वक्त में गोठान के लिए 28 करोड़ 71 लाख का बजट जारी किया है। आचार संहिता की हड़बड़ी ने अफसरों डायरी के पन्ने पर हाथ से लिखकर इसका बजट प्राक्कलन सोशल मीडिया पर जारी किया। इस पन्ने पर अलग से लिखा है- स्वीकृत, कार्य आरंभ। ग्रामीण विकास प्राधिकरण से सभी 27 जिलों में कुल 88 गोठान 21.15 लाख रुपये प्रति गोठान के हिसाब से 18 करोड़ 56 लाख रुपये जारी किए गए हैं। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण से 48 गोठान के लिए 10 करोड़ 15 लाख रुपये जारी किए गए हैं। छह पुलिस अफसर बदले गए। आचार संहिता लगने से पहले मानवाधिकार आयोग के एसपी अजात बहादुर शत्रु को सेनानी पांचवीं वाहिनी छसबल जगदलपुर, एसपी पुलिस अकादमी चंदखुरी शशिमोहन सिंह को सेनानी नौवीं वाहिनी, छसबल दंतेवाड़ा और एएसपी एसीबी बिलासपुर सुखदेव प्रसाद करोसिया को एसपी छत्तीसगढ़ राज्य मानवाधिकार आयोग पदस्थ किया गया है। वहीं, एएसपी वर्षा मिश्रा को एआइजी पुलिस मुख्यालय, अमृता शोरी को एएसपी रायपुर और मेहरू राम मंडावी को एएसपी प्रोटोकाल रायपुर पदस्थ किया गया है। इसके अलावा रविवार को सरकार ने अतुल तिवारी सहायक प्राध्यापक प्राणि शास्त्र को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विवि का कुलसचिव के पद से हटाकर डॉ आनंद शंकर बहादुर सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, शासकीय चंदुलाल चंद्राकर कला एवं विज्ञान महाविद्यालय पाटन को कुलसचिव नियुक्त किया। इस सरकार के लिए गए फैसलों को दैनिक भास्कर, पत्रिका, हरिभूमि, नवभारत सहित अन्य अखबारों ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया है।