बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के पान संगठन ने पान को पाकिस्तान को न भेजने की मांग की है।

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टीकमगढ़: बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के देसी एवं बंगला पान यहां के किसानों ने पाकिस्तान में भेजने मना कर दिया है। यहां के पान संगठन ने पान को पाकिस्तान को न भेजने की मांग की है। इसके लिए संगठन के पदाधिकारियों ने शनिवार को पीएम और राष्ट्रपति के नाम पत्र भी लिखा है।
यहां के पान भूटान और अरब के कई देशों सहित पाकिस्तान भेजे जाते हैं। लेकिन पुलवामा हमले के बाद यहां के किसान गुस्से में हैं। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री से पान पाकिस्तान नहीं भेजने की गुहार लगाई है। मप्र पान किसान व्यापारी संगठन के प्रदेश महा सचिव जगदीश प्रसाद चौरसिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है जिसमें मांग की है कि बुंदेलखंड के टीकमगढ़, छतरपुर,पन्ना, सागर, दमोह से प्रदेश व देश की मंडी जिसमें दिल्ली, मेरठ, सहारनपुर की मंडियों में पान पहुंचाने का काम किया जाता था। लेकिन अब पान को किसी भी हालात में आतंकी देश पाकिस्तान को न भेजा जाए। भले ही मुनाफा कम हो, लेकिन पाकिस्तान नहीं भेजना पान, पान किसान संगठन के महामंत्री छन्नूलाल चौरसिया ने बताया कि पिछले सालों से अब पान का उत्पादन भले ही 60 से 70 फीसदी तक कम हो गया है। लेकिन हम किसान अपने पान को पाकिस्तान नहीं भेजेंगे। चाहे व्यवसाय में मुनाफा न कमाएं, लेकिन आतंक को सहारा देने वाले पाकिस्तान को अब भारत का पान नसीब नहीं होने देंगे। वहीं संगठन के हरीशचंद्र चौरसिया ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीमाओं पर सीज फायर किया जा रहा है। ऐसी स्थिति अपने देश का उत्पादन उन्हें नहीं देंगे। सरकार द्वारा पानी और सब्जियां बंद की गई हैं। उसे पान भी उपलब्ध नहीं कराया जाए।