1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई से न्यायाधीश संजीव खन्ना ने खुद को अलग किया

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की अपील पर सुनवाई से खुद को सोमवार को अलग कर लिया। इसके साथ ही अब इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेंगी। सज्जन कुमार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। यह मामला सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आया था। 73 वर्षीय सज्जन कुमार को उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। यह सजा काटने के लिए उन्होंने 31 दिसंबर 2018 को निचली अदालत के समक्ष समर्पण किया था। बता दें कि करीब 34 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच ने सिख दंगा के दोषी सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वह आपराधिक षडयंत्रए हिंसा और दंगा भड़काने का दोषी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन के अलावा बलवान खोखर, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाला को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 1984 में दिल्ली कैंट के राजनगर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी।