नई दिल्ली । जीएसटी परिषद की आज 34वीं बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के फैसलों के बारे में बताया कि घरों पर लगने वाले गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स जीएसटी में बड़ी कटौती की गई है। निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसदी किया गया है वहीं किफायती मकानों अफोर्डबल हाउजिंग पर जीएसटी की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर महज 1 फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने अरुण जेटली ने कहा कि हम रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा बूम देना चाहते हैं। अफोर्डेबल हाउजिंग की परिभाषा को बदला गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका फायदा उठा सकें। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली.एनसीआर, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में अफोर्डेबल हाउजिंग का क्राइटेरिया 60 स्क्वॉयर मीटर कार्पेट एरिया होगाए जबकि नॉन मेट्रो शहरों में 90 स्क्वॉयर मीटर तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे, जिनकी अधिकतम कीमत 45 लाख रुपये होगी। नई दरे 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगी। आरबीआई के प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग नियमों के मुताबिक ही 45 लाख रुपये तक के घर अर्फोडेबल माने जाने लगे है। अब घटी हुई जीएसटी दर पुराने मकानों की बची हुई किश्तों पर भी लागू होगी। जीएसटी काउंसिल ने गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता में रियल एस्सेट सेक्टर के लिए मंत्रियों का समूह बनाया था। आज से पहले मेट्रो में 30 लाख रुपये तक के घर अर्फोडेबल कैटेगरी में और नॉन मेट्रो शहरों में 25 लाख रुपये तक के घर अर्फोडेबल हाउसिंग कैटेगरी में आते हैं। 20 फरवरी को हुई जीएसटी परिषद की 33वीं बैठक में रीयल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी दर में बदलाव के निर्णय को 24 फरवरी तक टाल दिया गया था। परिषद ने जनवरी महीने के लिए कंपनियों को बिक्री का रिटर्न दायर करने की अंतिम तिथि बढ़ाई है।